सुपौल : विधानसभा चुनाव के तहत गुरुवार को संपन्न मतदान के दौरान जिले के सभी पांचों विधानसभा क्षेत्रों में पुरुष के मुकाबले महिलाओं ने अधिक उत्साह का परिचय दिया. यही वजह रही कि अधिकांश मतदान केंद्रों पर पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिलाओं की लंबी कतार देखी गयी.
महिला मतदाताओं ने अपने दैनिक कार्य के बदले पहले मतदान को तवज्जो दिया. अहले सुबह से ही मतदान केंद्रों पर महिला मतदाता कतारबद्ध नजर आयीं.
वह इस मौके को किसी भी सूरत में गंवाना नहीं चाहती थीं. वजह चाहे जो भी हो लेकिन क्षेत्र व राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया. कोसी तटबंध के भीतर मतदान करने जा रही जिला मुख्यालय स्थित वार्ड नंबर 01 निवासी वीणा देवी, प्रीति झा, सरोज देवी आदि ने पूछने पर बताया कि बाढ़ व कोसी नदी के कटाव से विस्थापित हो कर वे लोग जिला मुख्यालय स्थित पुनर्वास में शरण लेकर रह रहे हैं. पर, मतदाता सूची में उनका नाम आज भी गांव में ही है.
करीब 12 किलोमीटर की दूरी तय कर मतदान करने की वजह पूछने पर उन लोगों ने बताया कि उनके एक मत की सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका है. मतदान उनका संवैधानिक अधिकार है और अपने अधिकार के लिए 12 किलोमीटर क्या 20 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा करनी पड़े, तो वो पीछे नहीं हटेंगी.
कोसी तटबंध के 57.20 किलोमीटर स्पर पर चाय की दुकान में सुस्ता रही बुचनी देवी, अमेरिका देवी, सुनीता देवी, राधा देवी आदि ने बताया कि वह किसनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत से मतदान कर वापस लौट रही हैं. बताया कि राज्य में स्थिर व मजबूत सरकार के निर्माण के लिए उनलोगों ने मतदान किया है. 68 वर्षीया बचिया देवी ने कहा कि वह लगभग 50 वर्षों से सभी चुनाव में मतदान कर रही हैं. इस बार उन्होंने इस उम्मीद के साथ मतदान किया है
कि सरकार बनने के बाद जो सुविधा उन्हें नसीब नहीं हुई, वह उनके पोते-पोतियों को अवश्य मिलेगी. उन्होंने बताया कि सुबह ही उठ कर वह गांव चली गयी थीं. वापसी में थक जाने के कारण यहां थोड़ी देर सुस्ताने के लिए रुकी थीं. बचिया के हौसले व जज्बे को देख कर चाय की दुकान में बैठे कुछ लोगों ने कहा कि आज भी देश व समाज के लिए बुजुर्गों से सीख लेने की जरूरत है.