सुपौल : अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के निमित्त मूलभूत व्यवस्था का अभाव या फिर बीमार, लाचार व बुजुर्गों को लेकर व्यवस्था में की गयी अनदेखी. इन सबके बावजूद कोसी इलाके में लोकतंत्र के महापर्व को लेकर आयोजित मतदान का कार्य संपन्न हो गया. मतदान के बाद अब सभी क्षेत्र में मतदाता व कार्यकर्ताओं के बीच अपने-अपने प्रत्याशियों के विजयी होने का दावा किये जाने का दौर जारी है.
साथ ही वोटर व पार्टी कार्यकर्ता सहित अन्य इवीएम में कैद वोटों पर अपना- अपना जोड़- घटाव कर गणित करते दिखायी दे रहे हैं. इस महापर्व के दौरान कहीं -कहीं कुछ त्रुटियां भी दिखीं. अमूमन कोई भी बड़े आयोजन में तरह-तरह की समस्या पनपती ही रहती है. कारण, तकनीकी क्रियाकलापों का ज्ञान सभी के पास शत-प्रतिशत नहीं होता. जब प्राकृतिक वातावरण में भी उलट फेर होता देखा जा रहा है, तो मानवीय रचित सामग्री में व्यवधान आना स्वाभाविक क्रिया है.
कई मतदान केंद्रों पर इवीएम में आयी तकनीकी खराबी के कारण दर्जनों बूथों पर मतदान का कार्य घंटे दो घंटे की देरी से प्रारंभ कराया गया, तो कही पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण कतारबद्ध होकर मतदान करने वाले कई मतदाताओं को परेशानी का भी सामना करना पड़ा. सभी कर रहें हैं जीत का दावा मतगणना के बाद नतीजा जो भी हो. प्रत्याशी सहित कार्यकर्ता व मतदाता सभी आस लगाये हुए हैं कि रविवार के अपराह्न काल तक स्थिति स्पष्ट हो ही जायेगी.
पर, मतदान के बाद से ही सभी अपने – अपने विचार व्यक्त करते दिख रहे हैं. कोई कह रहा है गंठबंधन की सरकार, तो कोई महागंठबंधन का नाम ले रहा है. यहां तक की कई लोगों ने अन्य पार्टी व स्वतंत्र रूप से चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों की संख्या बल अधिक होने का आकलन कर रहा है. साथ ही सरकार गठन में उनकी भूमिका को भी अहम बता रहा है. परिणाम आने के बाद भले ही आधी आबादी के चेहरे पर मायूसी रहेगी, लेकिन अभी हरेक जन मानस उत्साहित दिख रहे हैं.