21.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जनप्रतिनिधियों को राग-द्वेष से उठ कर करना चाहिए विकास

जनप्रतिनिधियों को राग-द्वेष से उठ कर करना चाहिए विकास फोटो -03 से 10 तकसुख-दुख में शरीक होने वाला हो नेता कैप्सन -मतदाताओं का फाइल फोटो.प्रतिनिधि, सुपौल जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है. चुनाव के प्रति मतदाताओं की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है. चाय की दुकान हो या पान की दुकान, चौक-चौराहा […]

जनप्रतिनिधियों को राग-द्वेष से उठ कर करना चाहिए विकास फोटो -03 से 10 तकसुख-दुख में शरीक होने वाला हो नेता कैप्सन -मतदाताओं का फाइल फोटो.प्रतिनिधि, सुपौल जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है. चुनाव के प्रति मतदाताओं की उत्सुकता भी बढ़ती जा रही है. चाय की दुकान हो या पान की दुकान, चौक-चौराहा हो या गांव का गलियारा सभी जगह लोगों में बहस का मुख्य मुद्दा चुनाव ही है, जहां मतदाता अपने-अपने तरह से राजनीतिक समीकरण बनाने व बिगाड़ने की कवायद में लगे रहते हैं. अब जबकि चुनाव को लेकर प्रत्याशियों और उनके समर्थकों द्वारा जन संपर्क अभियान और नेताओं के क्षेत्रीय भ्रमण का दौरा प्रारंभ हो गया है. लोगों को नित्य नये मुद्दे बहस के लिए मिलते जा रहे हैं. मतदाता इस कवायद में जुटे हैं कि कही उनकी एक गलती क्षेत्र के विकास का बाधक बन जाय. इसलिए आये दिन चुनाव प्रचार में आने वाले नेताओं को भी मतदाता चाणक्य की भांति इस प्रकार समझाते हैं कि नेताओं को भी लगता है कि यह वोट मेरा ही है. लेकिन आज के मतदाता नेताओं के किसी भी चाल का जवाब देने के लिए पूर्व से तैयार रहते हैं. ताकि वोट मांगने वालों को यह पता नहीं चल पाये कि वह उनके पक्ष में नहीं हैं. मतदाता व नेताओं की इस आंख-मिचौनी का खेल भले ही पांच वर्ष में एक बार ही देखने को मिलता है लेकिन इस चुनावी समर में मतदाताओं व नेताओं के बीच चल रहा यह दिलचस्प खेल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है. आम लोग जनप्रतिनिधि के चुनाव को लेकर काफी गंभीर हैं. इस मुद्दे पर प्रभात खबर द्वारा आम लोगों से ली गयी रायशुमारी के दौरान लोगों ने अपना मत जाहिर किया. अमित कुमार सिंह ने राय प्रकट करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी स्वतंत्र हैं. प्रत्येक मतदाता के विचार भी स्वतंत्र हैं. जन प्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो कटुता व धार्मिक सहिष्णुता से उपर उठ कर कार्य करें. साथ ही समाज के हरेक नागरिक के प्रति उनका नजरिया बराबर का हो. निहाल राज का मानना है कि लोकतंत्र में मताधिकार का प्रयोग करना लोगों की नैतिक जिम्मेदारी है. जन प्रतिनिधि को चाहिए कि वे स्थानीय समस्या से सारोकार रखें और मतदाता के दु:ख व सुख दोनों ही मौके पर उपस्थित होकर जनता को आश्वस्त करें. जनप्रतिनिधि के लिए परोपकार से बढ़ कर कोई धर्म नहीं होता.जुगनु कुमार ने बताया कि जन प्रतिनिधि समाज धर्म का पालन करे. चुनाव के मौके पर भ्रमण करने के दौरान स्थानीय जन समस्या को सूने और सभी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराये. और राजनीतिक उद्वेश्य से उपर उठ कर समस्या के निदान करे.राज किशोर कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में जन प्रतिनिधियों का स्थान सबसे ऊपर है. समाज के कर्णधारों को राग, द्वेष, वैमनस्यता की बात नहीं करनी चाहिए. जन प्रतिनिधि का सोच ऐसा हो, जिससे जन मानस में भाईचारा व सद्भाव का माहौल कायम हो सके.प्रतीक कुमार सिंह ने बताया कि जन प्रतिनिधि को अवसरवादी नहीं होनी चाहिए. बताया कि विविध पार्टियों द्वारा वार्ड स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम बनायी गयी है. जिससे लोगों की स्वतंत्रता पर ठेस पहुंच रही है. आज के जन प्रतिनिधियों को जनता की आवाज को सुननी चाहिए. साथ ही उस आवाज का जवाब कार्य के रूप में देना चाहिए.राम कुमार सिंह का मानना है कि जन प्रतिनिधि को प्राथमिक समस्याओं को दूर करते हुए नये-नये विकास का कार्य करना चाहिए. ताकि उनका क्षेत्र राष्ट्र के मानचित्र पर अपना स्थान कायम कर सके.अमित कुमार ने राय प्रकट करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधि को व्यक्तिगत विकास को छोड़ कर सामूहिक विकास पर जोर देना चाहिए. साथ ही जाति, वर्ग ,समुदाय से अलग रह कर कार्यों पर ध्यान देना चाहिए.राज कुमार यादव ने बताया कि जन प्रतिनिधियों को सामाजिक सरोकार को लेकर कार्य करनी चाहिए. वर्तमान समय में जन प्रतिनिधि अपनी जीत को लेकर जाति, धर्म सहित अन्य मुद्दे का सहारा ले रहे हैं जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें