सुपौल: पिछड़े वर्गो के लिए गठित राज्य आयोग की दो सदस्यीय टीम ने बुधवार को जिले का दौरा किया. आयोग के सदस्य सचिव सह सेवानिवृत जिला एवं सत्र न्यायाधीश दामोदर प्रसाद कुशवाहा एवं समाज वैज्ञानिक जग नारायण सिंह यादव ने जिले के वीरपुर, शिव नगर, सिमराही बाजार एवं जिला मुख्यालय का भ्रमण कर तेली जाति (हिंदू व मुस्लिम) की सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक व आर्थिक स्थिति का जायजा लिया. सदस्यों ने पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की. इसमें सर्वेक्षण के आठ बिंदुओं पर समीक्षा की गयी.
निरीक्षण भवन में प्रेस वार्ता में सदस्य सचिव श्री कुशवाहा ने कहा कि आयोग का कार्य समाज के जो वर्ग आवश्यक मानदंड पूर्ण करने के बावजूद आरक्षण के लाभ से वंचित हैं, उन्हें जांच कर लाभ दिलाना है.
इसी कड़ी में तेली जाति को अतिपिछड़ा वर्ग के अनुसूची -1 में शामिल करने हेतु प्राप्त आवेदन के आलोक में इस वर्ग के लोगों का स्थलीय जांच व सर्वे किया जा रहा है. सर्वेक्षण पूरे राज्य में चल रहा है. आयोग के सदस्य श्री यादव ने कहा कि आयोग का उद्देश्य सिर्फ अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल करना ही नहीं है, बल्कि जाति व वर्ग की उन्नति के आधार पर उन्हें आरक्षण श्रेणी से बाहर करना भी है. इसी के तहत पूर्व में मल्लिक जाति को पिछड़ा वर्ग से बाहर किया गया. गिरि व जागा जाति को इस वर्ग में शामिल किया गया. जांच व सर्वेक्षण के बाद आयोग के सभी पांच सदस्यों की बैठक में निर्णय कर प्रतिवेदन सरकार को सौंपा जायेगा. इसके आधार पर आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. मौके पर डीडीसी हरिहर प्रसाद, जिला कल्याण पदाधिकारी राजेंद्र चौबे, एसडीओ अरुण कुमार सिंह, बीडीओ ज्योति गामी, हुस्न आरा, कपरूरी ठाकुर समेत अन्य पदाधिकारी थे.