वीरपुर: पौष पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को भारत -नेपाल के हिंदू धर्मावलंबियों की भीड़ ने कोसी बराज में आस्था की डुबकी लगायी. पद्म पुराण के अनुसार पौष पूर्णिमा को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है.
सूर्य का मकर राशि में रहने के कारण वहां सभी देवी-देवताओं का वास होता है. शिव और पार्वती का विवाह भी इसी माह में हुआ था. पौराणिक मान्यता के अनुसार लक्ष्मी नारायण की पूजा कर वस्त्र में कंबल और तिल दान का इस दिन विशेष महत्व है.
नेपाल के सुनसरी व सप्तरी जिले की सीमा पर अवस्थित कोसी बराज पर लगभग डेढ़ से दो लाख लोगों ने पौष पूर्णिमा के अवसर पर स्नान किया. जुटी भीड़ की वजह से वाहनों की भी बराज के इर्द-गिर्द लंबी कतार लगी रही. नेपाली खुखड़ी और नेपाली सतर की खरीदारी में भारतीय लोगों की विशेष रुचि देखी गयी. सुनसरी जिले के एसपी मसूद आलम खान स्वयं बराज पर उपस्थित होकर पुलिस व ट्रैफिक व्यवस्था का मुआयना कर रहे थे. बराज पुलिस स्टेशन के सब इंसपेक्टर खगेश्वर ने बताया कि मेले से चार मनचले को भी गिरफ्तार किया गया है. मेले में दरभंगा, मधुबनी, अररिया, पूर्णिया और सहरसा से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे.
प्रतापगंज प्रतिनिधि के अनुसार, कोसी क्षेत्र का महापर्व पौषी पूर्णिमा भक्ति भावना के साथ सोमवार को मनाया गया. परंपरा के अनुसार कोसी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं द्वारा नदी में पकवान भी चढ़ाया जाता है. वहीं प्रत्येक घर में पौष पूर्णिमा के दिन पकवान बनाने की परंपरा भी चली आ रही है. प्रखंड क्षेत्र के बेहली धार में इस मौके पर मेले का आयोजन किया गया. लोक आस्था के इस पर्व को कोसी वासी श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाते रहे हैं.