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40 करोड़ रुपये का घोटाला
सुपौल : स्थानांतरित शिक्षा विभाग के अधिकारी डीइओ व डीपीओ द्वारा जाते-जाते सर्व शिक्षा अभियान में वर्ग भवन निर्माण के लिए आयी 40 करोड़ रुपये के वितरण में मनमानी की बातें सामने आयी है. इस बाबत पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने मामले को उजागर करते हुए जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया. […]
सुपौल : स्थानांतरित शिक्षा विभाग के अधिकारी डीइओ व डीपीओ द्वारा जाते-जाते सर्व शिक्षा अभियान में वर्ग भवन निर्माण के लिए आयी 40 करोड़ रुपये के वितरण में मनमानी की बातें सामने आयी है. इस बाबत पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने मामले को उजागर करते हुए जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया.
आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डीएम एलपी चौहान ने आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता को मामले की जांच कर सात दिनों के अंदर जांच प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है. सूत्रों के अनुसार सभी प्रखंड के बीडीओ को भी पत्र भेज कर जिन विद्यालयों को राशि आवंटित की गयी है, उसकी स्थलीय जांच का आदेश दिया गया है.
क्या है चयन का मापदंड
डीएम को दिये गये शिकायत पत्र में कहा गया है कि विद्यालयों के चयन में नियमों की नहीं बल्कि तत्कालीन डीइओ सुलतान अहमद व तत्कालीन डीपीओ सर्व शिक्षा मो इरशाद अंसारी की मरजी चली. प्राथमिक विद्यालय के लिए कम से कम छह कमरा व मध्य विद्यालयों के कम से कम 10 कमरा का मानक तय है, जिसका ख्याल नहीं रखा गया है. अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माण के लिए विद्यालय चयन का आधार छात्रों की संख्या होनी चाहिए, जिसको नजर अंदाज किया गया. इसके अलावा प्रधानाध्यापक का अनुरोध, बीइओ, तकनीकी सहायक व कनीय अभियंताओं के भी प्रतिवेदन की औपचारिकता पूरी नहीं की गयी.
डीइओ व डीपीओ ने की मनमानी
शिकायत पत्र के अनुसार राशि वितरण में अनियमितता बरती गयी. खास कर अंतिम चरण के लिए जो राशि आवंटित की गयी, वह डीइओ व डीपीओ द्वारा स्थानांतरण के बाद पिछली तिथि में की गयी है. आनन -फानन में राशि का चेक निर्गत किये जाने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. आरोप यह भी है कि विद्यालय की चयनित सूची में भी हेरा-फेरी की गयी है.
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