स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव सह जिले के प्रभारी सचिव एस सिद्धार्थ ने मरीजों के बारे में जानकारी मांगी तो सीए इसका जवाब देने में असमर्थ थे. इसके बाद उन्होंने डीएम को उन पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी कर दिया.
सुपौल : ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव सह जिले के प्रभारी सचिव एस सिद्धार्थ की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में समीक्षा बैठक की गयी. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान सचिव द्वारा जिले के स्वास्थ्य/उपस्वास्थ्य केंद्रों की संख्या व प्रतिदिन इलाज के लिए आये रोगियों की संख्या के बारे में पूछा गया.
परंतु सिविल सर्जन इस संबंध में कोई भी जवाब नहीं दे पाये और न ही कोई आंकड़ा प्रस्तुत किया. जिसको लेकर प्रधान सचिव ने नाराजगी व्यक्त करते जिलाधिकारी को उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया. बैठक में लोक सेवा अधिकार के तहत दाखिल-खारिज के लंबित आवेदन पर चिंता व्यक्त करते इसके निष्पादन पर जोर दिया गया. इंदिरा आवास योजना में सहायक द्वारा भौतिक सत्यापन, निष्पादन तथा द्वितीय किस्त के भुगतान का निर्देश दिया गया.
वहीं मनरेगा की समीक्षा के तहत योजना के भौतिक उपलब्धि का प्रतिशत बढ़ाने की बात कही गयी. सचिव ने बताया कि 96 प्रतिशत राशन कार्ड वितरण हुआ है. कुल प्राप्त आवेदन 76 हजार के विरुद्ध 04 हजार कार्ड तैयार हो चुका है. वहीं अक्तूबर में 74 और नवंबर में 18 प्रतिशत खाद्यान्न का उठाव हो गया है.
एसएफसी गोदामों की समीक्षा के दौरान सचिव ने अपूर्ण गोदामों को शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया. बैठक में वर्ष 2015 के लिए खरीफ खाद्यान्न क्रय केंद्र खोले जाने की भी समीक्षा की. बैठक में डीएम एलपी चौहान, डीडीसी हरिहर प्रसाद, अपर समाहर्ता अरुण कुमार समेत सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.