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अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है कृषि फॉर्म

रख रखाव के अभाव में उपकरण खराब 25 एकड़ भूमि में फैला यह कृषि फॉर्म पिपरा : किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए एक तरफ जहां राज्य सरकार उन्नत खेती के लिए कई तरह के वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए किसानों को सुविधा देने के साथ कृषि मैप तैयार कर कई तरह […]

रख रखाव के अभाव में उपकरण खराब

25 एकड़ भूमि में फैला यह कृषि फॉर्म

पिपरा : किसानों को आत्म निर्भर बनाने के लिए एक तरफ जहां राज्य सरकार उन्नत खेती के लिए कई तरह के वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए किसानों को सुविधा देने के साथ कृषि मैप तैयार कर कई तरह के अभियान चला रही है. वहीं प्रखंड मुख्यालय में छह दशक पूर्व स्थापित बीज गुणन प्रक्षेत्र (कृषि फॉर्म) आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. दशकों पूर्व 25 एकड़ भूमि में फैला यह कृषि फॉर्म एक जमाने में सभी संसाधनों से सुसज्जित हुआ करता था.

जिसमें सिंचाई की व्यवस्था के लिए पंप सेट, खेतों की पटवी के लिए पक्की नाला, ट्रैक्टर समेत अन्य संसाधन के साथ कृषि फॉर्म की जमीन का घेराव भी तार की जाली से किया गया था. लेकिन विभागीय उदासीनता व सही देख-रेख के अभाव के कारण यह कृषि फॉर्म बदहाल अवस्था में पहुंच गया. वर्तमान समय में हाल यह है कि यहां ना तो कोई कर्मी रहते हैं और ना ही प्रबंधक, जिसके कारण कृषि के लिए मौजूद उपकरण धीरे-धीरे खराब होकर बेकार पड़ा है.

कहते हैं लोग : स्थानीय लोगों में रामचंद्र चौधरी, विष्णुदेव राम, शंकर चौधरी, अंगद चौधरी, दीपक कारक, उमेश गुप्ता, मनोज कारक, राहुल राज, संतोष मेहता, अमित कुमार टिंकू आदि ने बताया कि भारत कृषि प्रधान देश रहने के बावजूद यहां के किसानों का दुर्भाग्य रहा है कि कृषि हित के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है. लोगों ने बताया कि बीज गुणन प्रक्षेत्र से पूर्व में यहां के किसानों को काफी फायदा हुआ करता था. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज कृषि फॉर्म किसानों के किसी काम का नहीं रह गया है. कहा हाल ऐसा है कि कृषि के लिए फॉर्म में लगाये गये विभिन्न उपकरण अब किसी काम का नहीं रह गया है. बताया कि कृषि फॉर्म के चालू रहने पर किसानों को आधुनिक खेती की जानकारी मिलती है. लोगों ने किसानों के हित को देखते हुए कृषि फॉर्म को पूर्व स्थिति में लाने की मांग की. कहा इससे प्रखंड क्षेत्र के किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा.

कहते हैं जिम्मेदार

हाल के दिनों में कृषि फॉर्म में 03 पोखरों के जीर्णोद्धार का कार्य मनरेगा विभाग द्वारा किया गया. जिसमें मछली जीरा पाल कर किसानों को दिया जाता था. बीज गुणन प्रक्षेत्र में ई किसान भवन बने भी 02 वर्ष बीत गये हैं. वर्तमान में प्रखंड कृषि पदाधिकारी का कार्यालय भी संचालित है. प्रमुख रतन देवी ने बताया कि अब जबकि प्रखंड स्तर के अधिकारी यहां बैठने लगे हैं. ऐसे में अधिकारियों की देख-रेख में पुन: खेती का कार्य किया जाय तो किसानों का इसका काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि कृषि फॉर्म को पुराने स्वरूप में लाने के लिए वे वरीय अधिकारियों को लिखेंगी. जबकि कृषि पदाधिकारी देवनाथ चौधरी ने बताया कि कृषि फॉर्म में कर्मी से लेकर कृषि यंत्रों तक की कमी है. बताया कि बीज गुणन प्रक्षेत्र में रिक्त पदों पर कर्मियों की नियुक्ति के साथ आधुनिक कृषि उपकरण मुहैया कराया जाय तो इसे पुराने स्वरूप में लाया जा सकता है. जिससे आस पास के खेतों में पानी मिल पाता और किसानों के बीच खुशहाली आ जाती.

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