सीवान : सदर अस्पताल के सभागार में बुधवार को मां कार्यक्रम को जिले में धरातल पर लाने के लिए जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसरों व प्रसव कराने वाली महिला स्वास्थ्यकर्मियों को मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षित किया. मास्टर ट्रेनर डॉ कालिका कुमार सिंह व डॉ मनीष कुमार ने उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों को मां […]
सीवान : सदर अस्पताल के सभागार में बुधवार को मां कार्यक्रम को जिले में धरातल पर लाने के लिए जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसरों व प्रसव कराने वाली महिला स्वास्थ्यकर्मियों को मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षित किया. मास्टर ट्रेनर डॉ कालिका कुमार सिंह व डॉ मनीष कुमार ने उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों को मां कार्यक्रम के संबंध में प्रशिक्षण दिया.
डॉ मनीष कुमार ने कहा कि हर हाल में सामान्य प्रसव हो या सीजेरियन एक घंटे के अंदर शिशु को मां का दूध पिलाना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि इस अंधविश्वास में न रहें कि शिशु के जन्म के बाद किसी मां को दूध नहीं होता है. जब मां अपने बच्चे को स्तन से लगाती है, तब मां व शिशु के बीच प्रेम से मां को दूध आना शुरू होता है. अगर किसी मां को दूध कम होने या नहीं होने की शिकायत है, तो इसके पीछे अपनी ही कमी हो सकती है.
अगर एक घंटे के अंदर मां शिशु को अपने स्तन से नहीं लगायेगी, तो इस प्रकार की परेशानी आ सकती है. उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से कहा कि सभी मां को शिशु के जन्म लेने से लेकर सिर्फ मां का ही दूध पिलाने के लिए जागरूक करें. डॉ. कालिका कुमार सिंह ने कहा पहला दूध शिशु के लिए बेहद लाभप्रद होता है. यह शिशु के लिए पहले टीकाकरण की तरह होता है. यह शिशु को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है. उसका पेट साफ रखने व मल त्याग करने में सहायक होता है. यह प्रचुर मात्रा में विटामिन ए देता है तथा पीलिया रोग से बचाव करता है. एक घंटे के अंदर शिशु को दूध पिलाने से मां को भी कई फायदे हैं. इससे प्लेसेंटा निकलने में सहायक होता है तथा प्रसव के बाद होने वाले रक्त स्राव में कमी आता है.