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संदिग्ध अवस्था में स्टेशन पहुंची बालिका को परिजनों को सौंपा

सीवान : संदिग्ध अवस्था में रेलवे स्टेशन पहुंची चौदह वर्षीय एक बालिका को रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया. उसके बाद उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया. बताते चलें कि मंगलवार की शाम स्टेशन पर बदहवास अवस्था में रोते व भटकते बालिका पर रेलवे सुरक्षा बल के जवानों […]

सीवान : संदिग्ध अवस्था में रेलवे स्टेशन पहुंची चौदह वर्षीय एक बालिका को रेलवे सुरक्षा बल के सहयोग से सीडब्ल्यूसी के हवाले कर दिया गया. उसके बाद उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया. बताते चलें कि मंगलवार की शाम स्टेशन पर बदहवास अवस्था में रोते व भटकते बालिका पर रेलवे सुरक्षा बल के जवानों की नजर पड़ी.

रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार सिन्हा ने इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को दी. स्वयंसेवी संस्था परफेक्ट विजन के प्रतिनिधि सुनिता मिश्रा की उपस्थिति में जाहिद हुसैन व विजय दुबे ने बालिका की काउंसेलिंग की. बालिका ने बताया कि वह सुबह 11 बजे मोबाइल खरीदने गांव की दुकान पर गयी थी घर लौटने के समय एक स्कार्पियो गाड़ी मेरे पास रुकी. ड्राइवर ने मुझे पास की गुमटी से गुटखा खरीदकर देने को कहा. जैसे ही मैं पैसा लेने ड्राइवर के पास गयी,उसने जबरन मुझे गाड़ी में खींच लिया व मुंह बांध कर सीवान की ओर चल दिया. मैं चिल्लाती रही, लेकिन शीशा काला होने के कारण बाहर मेरी आवाज बाहर नहीं जा सकी.

उसने बताया कि ड्राइवर कह रहा था कि गाड़ी में चार-पांच कार्टन है इसे एक दुकानों पर दे दो तो मैं तुम्हें छोड दूंगा. लेकिन मेरे द्वारा लगातार इनकार करने व प्रतिरोध करने के कारण सीवान शहर में मुझे छोड़ दिया. इसके बाद मैं बदहवास अवस्था में किसी तरह स्टेशन पहुंची. बालिका द्वारा बताये गये मोबाइल नंबर पर परिजनों को सूचना देकर बुलाया गया. बाद में बालिका द्वारा बतायी गयी घटना की पुष्टि के लिये आंदर प्रखंड के जयजोर पंचायत के मुखिया, स्थानीय ग्रामीणों व थाना से संपर्क किया, लेकिन किसी ने घटना की पुष्टि नहीं की.

एक स्थानीय ग्रामीण विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि बालिका की बड़ी मां ने उसे किसी बात पर सुबह बहुत डॉट-फटकार लगायी थी. जिससे नाराज होकर घर से निकल गयी होगी. बाद में उसे गलती का एहसास होने पर जग हंसाई से बचने के लिये मनगढ़ंत कहानियां बना रही होगी. बाद में बालिका की मां के आवेदन व उसके घर जाने की इच्छा के मद्देनजर बिहार किशोर न्याय नियमावली 2015 के नियम 15 के उप नियम 5 व नियम 92 के उपनियम 2 के तहत बंधपत्र के मार्फत उसे बालिका की मां के सुपुर्द कर दिया गया.

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