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प्राइवेट डॉक्टर अब देंगे टीबी मरीजों की जानकारी

टीबी मरीजों की पूर्ण जानकारी निश्चय पोर्टल पर रहेगी उपलब्ध सीवान : देश में टीबी को जड़ से खत्म करने के स्वास्थ्य विभाग ने अब कमर कस ली है. टीबी कार्यक्रम में बाधक बनने वाले प्राइवेट डॉक्टरों को अब टीबी कार्यक्रम निश्चय से जुड़ कर मरीजों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी होगी. सरकारी डॉट सेंटरों […]

टीबी मरीजों की पूर्ण जानकारी निश्चय पोर्टल पर रहेगी उपलब्ध

सीवान : देश में टीबी को जड़ से खत्म करने के स्वास्थ्य विभाग ने अब कमर कस ली है. टीबी कार्यक्रम में बाधक बनने वाले प्राइवेट डॉक्टरों को अब टीबी कार्यक्रम निश्चय से जुड़ कर मरीजों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी होगी. सरकारी डॉट सेंटरों को ऑन लाइन किया जायेगा, ताकि प्रतिदिन की रिपोर्ट निश्चय पोर्टल पर डाली जा सके. विभाग प्राइवेट डॉक्टरों से टीबी के मरीजों को इलाज के लिए छीन नहीं रहा है, बल्कि टीबी के मरीजों को ओर बेहतर सुविधा देकर बीमारी को जड़ से खत्म करना चाहता है.
प्राइवेट डॉक्टरों द्वारा इलाज किये जा रहे मरीज के स्प्यूटम, सीवी नेट से एमडीआर टीबी की जांच ओर दवा के लिए रेफर किया जाता है, तो विभाग मदद के लिए तैयार है. लेकिन उन्हें विभाग को टीबी का जड़-मूल से खत्म करने में सहयोग करना पड़ेगा. प्राइवेट डॉक्टरों द्वारा इलाज किए जा रहे टीबी के मरीजों का फॉलोअप करने के लिए भी विभाग तैयार है.
टीबी मरीजों की कुंडली बतायेगा निश्चय पोर्टल : टीबी मरीजों की कुंडली निश्चय पोर्टल पर अब एक क्लिक में मिल जायेगी. मतलब यह है कि मरीजों के इलाज से लेकर वह कितना ठीक हो पाया है? इन सभी सवालों का जवाब अब कंप्यूटर फौरन देगा. यह सब केंद्र सरकार के निश्चय योजना के तहत हो पाया है. टीबी मरीजों का पूरा डाटा इस योजना के तहत अब ऑनलाइन किया जायेगा. डाटा पोर्टल पर डाले जाने के बाद किसी भी मरीज की स्थिति को देशभर में कहीं भी आसानी से देखा जा सकेगा.
टीबी के मरीज अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं. इसमें डॉक्टर को मरीज के ठीक होने या उसकी तबीयत खराब होने की जानकारी नहीं मिल पाती है. ऑनलाइन रजिस्टर्ड होने के बाद यह समस्या दूर होगी. स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राइवेट डॉक्टरों व डॉट सेंटरों को निश्चय कार्यक्रम से जुड़ने के लिए 2015 में ही निर्देश दिया था. लेकिन, यह राज्य स्वास्थ्य विभाग के फाइलों में दबी रही. ऑनलाइन फॉर्मेट में मरीज का नाम, पता, मोबाइल नंबर, घर का नंबर, स्थायी पता,उपचार केंद्र व उसका पता आदि जानकारी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में देना है. हालांकि बाद में भी इसे अपडेट करने का ऑप्शन है.
निश्चय योजना को लागू करने में विभाग जुटा
जिला यक्ष्मा विभाग निश्चय योजना को अक्षरश: लागू करने की तैयारी में जुट गया है. पहले चरण में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह सहायक एसीएमओ डॉ. सुरेश शर्मा विभाग से ट्रेनिंग लेकर आ चुके हैं. दूसरे चरण में वे सभी स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसरों, एलटी, एसटीएलएस एवं आरएनटीसीपी कार्यक्रम से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित कर कार्यक्रम को तत्परता से लागू करने की रणनीति तैयार करेंगे. उसके बाद जिले के सभी निजी डॉक्टरों की
एक मीटिंग बुला कर सभी डॉक्टरों को निश्चय कार्यक्रम से जुड़ कर टीबी के मरीजों की पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे. टीबी मरीजों की जानकारी निश्चय पोर्टल पर पड़ जाने के बाद टीबी मरीजों को एक पर्सनल यूनिक आइडी नंबर मिलेगा. इससे वह विभाग के वरीय डॉक्टरों से भी डॉक्टरी सलाह ले सकता है. विभाग का मानना है कि कुल टीबी के मरीजों का 70 प्रतिशत मरीज शुरुआती दौर या बीमारी ठीक होने की स्थिति में डॉट सेंटर आते हैं. 30 प्रतिशत मरीज जिनका इलाज निजी अस्पतालों में होता है, विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है. इसी कारण आरएनटीसीपी कार्यक्रम में बाधा आ रही है.
फैक्ट फाइल
जागरूकता लाने में मदद मिलेगी
मरीज व डॉक्टर के बीच सीधा संपर्क रहेगा
ठीक हो चुके मरीजों की जानकारी मिलेगी
मरीजों के उपचार संबंधी अपडेट तुरंत पता चलेगा
टीबी पूरी तरह से खत्म करना आसान होगा
विभाग करेगा मरीजों का फॉलोअप
निश्चय कार्यक्रम के तहत टीबी के सभी मरीजों की पूर्ण जानकारी पोर्टल पर डाली जायेगी. इसके अलावा सभी प्राइेवट डॉक्टरों को अपने टीबी मरीजों की जानकारी विभाग को देनी होगी. निजी डॉक्टर अगर टीबी के मरीज की स्प्यूटम, सीवी नेट जांच और दवा के लिए रेफर करते हैं, तो विभाग तैयार है. मरीजों का फॉलोअप भी विभाग करेगा.
डॉ सुरेश शर्मा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह सहायक एसीएमओ

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