लापरवाही. वैधता खत्म होने पर एजेंसी ने दिया है नवीनीकरण का आवेदन
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मरीजों का नहीं हो रहा अल्ट्रासाउंड
लापरवाही. वैधता खत्म होने पर एजेंसी ने दिया है नवीनीकरण का आवेदन प्रतिदिन करीब 70 गरीब मरीजों का होता था अल्ट्रासाउंड स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व एजेंसी की लड़ाई में फंसे मरीज सीवान : सदर अस्पताल में करीब 17 दिनों से मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है. मरीजों द्वारा पूछने पर अस्पताल के कर्मचारी […]
प्रतिदिन करीब 70 गरीब मरीजों का होता था अल्ट्रासाउंड
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व एजेंसी की लड़ाई में फंसे मरीज
सीवान : सदर अस्पताल में करीब 17 दिनों से मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है. मरीजों द्वारा पूछने पर अस्पताल के कर्मचारी बता रहे हैं कि अल्ट्रासाउंड मशीन ही खराब है. लेकिन, सच्चाई कुछ और ही है. सदर अस्पताल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड करने वाली एजेंसी का जिला स्तर पर होने वाला पीएनडीटी एक्ट लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं हुआ है. सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारियों ने अवधि समाप्त होने की सूचना संबंधित एजेंसी को नहीं दी. लेकिन अपने पावर का इस्तेमाल कर संचालन अवधि समाप्त होने के बाद चलने की सूचना सिविल सर्जन को जरूर दे दी. सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा को जब इसकी सूचना मिली,
तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड बंद करने का आदेश दे दिया. बताया जाता है कि अल्ट्रासाउंड चलानेवाली एजेंसी ने करीब 17 दिनों पूर्व लाइसेंस रिन्यूअल के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया है. लेकिन, पता चला है कि सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारी अभी लाइसेंस रिन्यूअल करने के मूड में नहीं हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस बात की थोड़ी-सी भी चिंता नहीं है कि शिशु सुरक्षा कार्यक्रम की एक सुविधा सदर अस्पताल में बंद हो गयी. यह एक दिन में भी बहाल हो सकती है.
अल्ट्रासाउंड चालू रहने पर मरीजों को मिलती थी राहत: करीब एक साल पहले सदर अस्पताल में जब अल्ट्रासाउंड की सेवा दोबारा शुरू हुई, तो गरीब मरीजों को काफी राहत मिली. प्रतिदिन करीब 70 मरीजों का अल्ट्रासाउंड होता था. मेडिको लीगल के मरीजों को भी अल्ट्रासाउंड खुल जाने से राहत मिली. जब सदर अस्पताल में यह सुविधा नहीं थी, तो शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रसूताओं को नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पाती थी. गरीब महिलाओं को प्राइवेट में जाकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता था. वहीं, कुछ बुद्धिजीवियों ने कहा कि यह आश्चर्य है कि करीब 17 दिनों से सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सेवा बंद है. लेकिन, न तो अस्पताल प्रशासन और न विभाग के अधिकारियों को इसकी कोई चिंता है. सदर अस्पताल के अल्ट्रासाउंड का लाइसेंस नवीनकरण करने का काम विभाग का एक से दो दिनों से अधिक का नहीं है. अगर इस कार्य के लिए पीएनडीटी कमेटी की बैठक भी बुलानी है, तो इसके लिए सिविल सर्जन ही काफी हैं. लेकिन 17 दिनों बाद भी अधिकारियों का इस कार्य में रुचि नहीं लेना समझ से परे है. सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मचारियों से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा- देखा जायेगा.
शुरू हो गयी है नवीकरण की प्रक्रिया
अल्ट्रासाउंड के लाइसेंस नवीकरण की प्रक्रिया वैधता खत्म होने के करीब एक महीने पूर्व शुरू हो जाती है. सदर अस्पताल का जहां तक मामला है, एजेंसी द्वारा वैधता खत्म होने के बाद नवीकरण की प्रक्रिया शुरू की गयी. इसके लिए पीएनडीटी कमेटी की बैठक बुलानी होगी. दशहरा बाद कमेटी की बैठक बुला कर मामले को रखा जायेगा.
डॉ शिवचंद्र झा, सिविल सर्जन
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