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त्रिभुवन की गिरफ्तारी बड़ी सफलता

दबिश . जिले में आतंक का पर्याय रहे हैं खान व तिवारी ब्रदर्स सीवान : जिले में आतंक का नाम बन चुके दो कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी से पुलिस उत्साह से लबरेज दिख रही है. उसका यह कदम जिले में अपराध के संजाल को ध्वस्त करने की ओर बड़ा कदम माना जा रहा है. पहले […]

दबिश . जिले में आतंक का पर्याय रहे हैं खान व तिवारी ब्रदर्स

सीवान : जिले में आतंक का नाम बन चुके दो कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी से पुलिस उत्साह से लबरेज दिख रही है. उसका यह कदम जिले में अपराध के संजाल को ध्वस्त करने की ओर बड़ा कदम माना जा रहा है. पहले 28 मई को पुलिस ने कुख्यात रईस खान को हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया था. उसके दो माह बाद 30 जुलाई को कुख्यात त्रिभुवन तिवारी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पुलिस की इस सफलता की हर ओर चर्चा है. जिले के लोगों में पुलिस की इस सफलता की खूब चर्चा है.
दो दर्जन से अधिक मामलों में नामजद है रईस : तिवारी व खान ब्रदर्स जिले में आतंक के पर्याय रहे हैं. अयूब व रईस का अंतर्राज्यीय गिरोह रहा है. इसने अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कमाया. करीब दो दर्जन से अधिक मामलों में नामजद रईस खान इसी साल 28 मई की गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद हैं.
खान बंधुओं में रईस खान को ही मुख्य सरगना माना जाता है. रईस खान को रेगुलर कारबाइन, हैंड ग्रेनेड, पिस्टल, गोली आदि हथियारों के जखीरे के साथ दो साथियों सहित गिरफ्तार किया गया था. वहीं, 50 हजार का घोषित इनामी त्रिभुवन तिवारी भी 30 जुलाई को गुठनी से घातक एके 47 व अन्य हथियारों के साथ अपने चार साथियों सहित पुलिस के हत्थे चढ़ा. कुख्यात त्रिभुवन के पहले उसके भाई राका तिवारी का आतंक सिर चढ़ कर बोलता था. 2009 में पुलिस मुठभेड़ में राका की मौत के बाद त्रिभुवन ने उसकी कमान संभाल ली और अपराध के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ता गया.
राजनीति के क्षेत्र में खान बंधु फ्लॉप, तो त्रिभुवन रहा हिट : अपराध के बाद राजनीति के क्षेत्र में दावं अाजमाना कुख्यातों का ट्रेंड रहा है. अयूब व रर्इस ने भी राजनीति के क्षेत्र में अपने हाथ आजमाये. लेकिन वे दोनों फेल रहे. इन लोगों ने अपने पिता कमरूल हक को विधानसभा का चुनाव लड़वाया था, लेकिन वे असफल रहे. इसके बाद इनके भाई चांद खान ने भी विधान परिषद व विधान सभा का चुनाव लड़ा. लेकिन सफलता नहीं मिली. त्रिभुवन का राजनीति में पहला दावं ही हिट साबित हुआ. 2016 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अपनी पत्नी पुष्पा देवी को जीरादेई का प्रखंड प्रमुख बनाने में सफलता पायी, तो उसकी भाभी गीता देवी भी अपनी पंचायत से मुखिया पद पर आसीन हुईं.
मैरवा में दोहरे हत्या कांड के बाद बढ़ा था दबाव : मामूली बात पर किसी की हत्या कर देना त्रिभुवन तिवारी की आदतों में शुमार बताया जाता है. 2015 में तीन माह के अंतराल पर मैरवा में हुए दो हत्याकांडों ने पुलिस पर दबाव बढ़ा दिया था. 12 मई, 2015 को मैरवा के सेवतापुर में जितेंद्र सिंह को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गयी थी. इसका आरोप त्रिभुवन तिवारी पर लगा. वहीं, तीन माह बाद 25 अगस्त को मैरवा के प्रसिद्ध व्यवसायी प्रेम कुशवाहा की हत्या में भी त्रिभुवन तिवारी का नाम आया. इसके बाद इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस पर दबाव बढ़ गया था.
अब पुलिस को वृज तिवारी की तलाश : त्रिभुवन तिवारी के साथ मैरवा थाना क्षेत्र के हरपुर निवासी राजेश पाठक, रामाशंकर पाठक, परछुआ निवासी जितेश तिवारी व पंडितपुर निवासी लक्की तिवारी को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस को अब मैरवा के बृज तिवारी की तलाश है. पुलिस के अनुसार, इन चारों का आपराधिक इतिहास नहीं है. इन लोगों ने लगातार त्रिभुवन को संरक्षण दिया है. साथ ही पुलिस इस तहकीकात में जुटी है कि इन लोगों ने उसके साथ मिल कर घटनाओं को अंजाम तो नहीं दिया है.
महीने के अंतिम सप्ताह में सफलता का है अजब संयोग : महीने के अंतिम सप्ताह में सफलता का पुलिस के लिए अजब संयोग दिख रहा है. जिले के दक्षिणांचल के आतंक अंतरराज्यीय कुख्यात रर्इस खान की गिरफ्तारी 28 मई को उसके गांव सिसवन के गयासपुर से किया गया. वहीं, उसके दो माह बाद 30 जुलाई को कुख्यात त्रिभुवन तिवारी की गुठनी से गिरफ्तारी हुई. पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का खुलासा भी 25 मई, 2016 को हुआ था.
इसमें मुख्य शूटर सहित पांच अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पचरुखी के प्रमुख व्यवसायी हरिशंकर सिंह के अपहरण व हत्या का खुलासा भी पुलिस ने 25 नवंबर को कर दिया. मजाक में पुलिस महकमे और आम जनता में यह चर्चा है कि एसपी सौरभ कुमार साह के नेतृत्व में पुलिस को महीने के अंतिम सप्ताह में खासी सफलता मिलती है और यह दिन ही इनके लिए काफी शुभ है.
भाई राका की मौत के बाद त्रिभुवन ने संभाली थी कमान
जिले में अपराध के खात्मे की ओर पुलिस का बड़ा कदम
बरामद पांच मोबाइलों की सीडीआर खंगाल रही है पुलिस
क्या कहते हैं एसपी
कुख्यात त्रिभुवन तिवारी व उसके साथियों को जेल भेज दिया गया है. उन लोगों से पूछताछ में अहम जानकारियां मिली हैं. वहीं, इन लोगों से बरामद पांच मोबाइलों की सीडीआर भी खंगाली जा रही है. रर्इस के बाद अब त्रिभुवन की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी सफलता है.
सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान

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