बेखौफ . हथियार तस्कर गिरोह का सरगना है राजकिशोर राय उर्फ महतो राय
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नेपाल व असम तक फैला है गिरोह का धंधा
बेखौफ . हथियार तस्कर गिरोह का सरगना है राजकिशोर राय उर्फ महतो राय सीवान : एसटीएफ व सीवान पुलिस के हत्थे चढ़े हथियार गिरोह का मुख्य सरगना राजकिशोर राय उर्फ महतो राय बताया जाता है. वह कई वर्षों से हथियार तस्करी के धंधे में शामिल रहा है. खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर थाने के कटघरा […]
सीवान : एसटीएफ व सीवान पुलिस के हत्थे चढ़े हथियार गिरोह का मुख्य सरगना राजकिशोर राय उर्फ महतो राय बताया जाता है. वह कई वर्षों से हथियार तस्करी के धंधे में शामिल रहा है. खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर थाने के कटघरा दियारा क्षेत्र का रहने वाला राजकिशोर कई बार गिरफ्तार हो चुका है.
हालांकि इतने बड़े हथियारों के जखीरे के साथ वह पहली बार गिरफ्तार हुआ है. एसटीएफ और सीवान पुलिस की टीम ने रविवार की देर शाम मुफस्सिल थाने के सूता मिल के समीप से टोयोटा कार से नौ रेगुलर राइफल, 100 जिंदा कारतूस, फर्जी लाइसेंस आदि के साथ महतो राय को उसके चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया था.
महतो के साथ ही खगड़िया जिले के परवता थाने के नागेश्वर यादव, गोगरी जमालपुर के चंद्रशेखर राय व यूपी के कानपुर के सिद्धवई नगर गांव के ओम प्रकाश शर्मा को गिरफ्तार किया गया था. इन चारों को मंगलवार को गहन पूछताछ के बाद मंडल कारा भेज दिया गया है.
कई राज्यों में फैला है काला कारोबार : राजकिशोर राय हथियार तस्करी के धंधे में महतो राय के नाम से जाना जाता है. इसका गांव कटघरा दियारा मुंगेर जिले की सीमा पर पड़ता है. नदी के रास्ते इन दोनों जिलों
का संबंध है. इसका फायदा यह उठाता रहा है. मुंगेर पुलिस ने गुवाहाटी के
फर्जी लाइसेंस के आधार पर निर्गत रेगुलर हथियार के साथ इसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पुलिस की मानें तो राजकिशोर उर्फ महतो का कारोबार असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार व यूपी तक फैला है. सीमांचल में वह धड़ल्ले से हथियार सप्लाई के धंधे में संलिप्त है.
मुंगेर के पते पर महतो राय का है लाइसेंस : हथियार तस्कर महतो राय के नाम पर मुंगेर जिले से निर्गत शस्त्र लाइसेंस है. इसका प्रयोग वह कारतूस खरीदने में धड़ल्ले से करता है. इसके आधार पर ही उसने अलग-अलग नामों से फर्जी आर्म्स लाइसेंस बना कर तस्करी के कारोबार को आगे बढ़ाया है. आश्चर्य है कि हथियार तस्करी से जुड़े होने के बाद भी अब तक महतो राय का आर्म्स लाइसेंस निरस्त नहीं हुआ है.
बरामद टोयोटा कार राजकिशोर की है, यूपी से चलता है कारोबार :
अपने चार साथियों के साथ जिस टोयोटा कार में राजकिशोर उर्फ महतो सवार था, वह उसकी ही है. यूपी नंबर की यूपी 78 डी 3546 नंबर की लग्जरी टोयोटा कार से भारतीय आयुद्ध करखाने से निर्मित नौ रेगुलर राइफल व सौ जिंदा कारतूस कानपुर के एक शस्त्र दुकान से खरीद कर महतो तस्करी के लिए ला रहा था. राजकिशोर संभवत: अपना अधिक समय यूपी में ही बिताता है. इस कारण ही उसने अपनी कार यूपी से ही खरीद कर रजिस्टर्ड करायी है. ताकि किसी को शक न हो. नियमानुसार लाइसेंस का सत्यापन कर ही हथियार बेचना है. ऐसे में शस्त्र दुकान की भूमिका भी संदिग्ध है.
राजकिशोर व उसके साथियों को रिमांड पर लेगी खगड़िया पुलिस : खगड़िया पुलिस भी हथियार तस्कर राजकिशोर व उसके तीन साथियों को रिमांड पर लेगी. गोगरी एसडीपीओ राजन कुमार सिन्हा ने बताया कि इसके लिए पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. एसटीएफ व सीवान पुलिस से इन चारों का स्वीकारोक्ति बयान मंगाया जा रहा है. साथ ही राजकिशोर के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने की भी कार्रवाई की जा रही है.
नक्सलियों से भी है संबंध, नेपाल के माओवादियों से भी संबंध की आशंका
धड़ल्ले से लेकर चल सकते हैं हथियार
फर्जी लाइसेंस के आधार पर खरीदी गयी रेगुलर राइफल पर शायद ही किसी को शक हो. जब भारतीय आयुद्ध कारखाने का बना हथियार हो और इसका लाइसेंस भी साथ हो तो इन्हे पकड़ पाना आसान नहीं है. वैसे भी जिलावार निर्गत आर्म्स लाइसेंस में असली और नकली की पहचान काफी मुश्किल है. ऐसी स्थिति में अपराधी धड़ल्ले से इस हथियार से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे देते हैं. हथियारों के साथ ही गिरफ्तार किये गये चारों अपराधियों के नाम से फर्जी लाइसेंस बरामद हुए हैं. इनमें किसी का नाम और किसी का फोटो लगा था.
मध्य बिहार व सीमांचल में अरसे से है सक्रिय
महतो राय का संबंध नक्सलियों से भी बताया जा रहा है. खगड़िया के गोगरी एसडीपीओ राजन कुमार सिन्हा का कहना है कि मध्य बिहार व सीमांचल में हथियार तस्करी में महतो गिरोह काफी समय से काम कर रहा है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इसकी पहुंच बतायी जाती है. साथ ही समय-समय पर गिरफ्तार नक्सलियों से रेगुलर हथियार ही बरामद होते हैं. ऐसे में नक्सलियों से महतो के संबंध से इनकार नहीं किया जा सकता है.
वहीं पुलिस का यह भी कहना है कि फर्जी लाइसेंस पर आर्म्स दुकान से रेगुलर हथियार खरीद कर उसे फिर फर्जी लाइसेंस के आधार पर तीन गुने दामों पर बेचने का धंधा महतो करता रहा है. वहीं यह भी बात सामने आ रही है कि वह एसएलआर और एके 47 जैसे घातक हथियारों की तस्करी में भी शामिल रहा है. इसका नेपाल के माओवादियों से भी संबंध बताया जाता है.
क्या कहते हैं एसपी
हथियार तस्करों की गिरफ्तारी बड़ी सफलता है. इससे इस धंधे से जुड़े बड़े गिरोह के खुलासे की संभावना है. हथियार तस्करों से पूछताछ और उनके मोबाइल सर्विलांस व सीडीआर से अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. खगड़िया पुलिस से भी सहयोग लिया जा रहा है. गिरफ्तार तस्कर किसके लिए हथियार सप्लाई करने जा रहे थे, और इनके पीछे किन लोगों का हाथ है. इसकी भी गहनता से जांच की जा रही है.
राजेश कुमार, पुलिस कप्तान, सीवान
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