सफलता. कई अन्य अपराधों पर से परदा उठने की उम्मीद
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कई संगीन अपराध हैं रईस के नाम दर्ज
सफलता. कई अन्य अपराधों पर से परदा उठने की उम्मीद दारोगा की हत्या से लेकर इंजीनियर के अपहरण में शामिल रहा है रईस, परेशान था पुलिस महकमा सीवान : कुख्यात रईस खां के अपराध का साम्राज्य राज्य से लेकर देश की राजधानी तक फैला रहा है. जिले में दारोगा बीके यादव की हत्या से लेकर […]
दारोगा की हत्या से लेकर इंजीनियर के अपहरण में शामिल रहा है रईस, परेशान था पुलिस महकमा
सीवान : कुख्यात रईस खां के अपराध का साम्राज्य राज्य से लेकर देश की राजधानी तक फैला रहा है. जिले में दारोगा बीके यादव की हत्या से लेकर झारखंड के गोडा जिले के कार्यपालक अभियंता के अपहरण सहित 50 से अधिक संगीन अपराध में वांछित रहा है. उसकी करतूतों से पुलिस महकमा परेशान रहा है. उस पर 50 हजार का इनाम सरकार ने घोषित कर रखा था. इसकी गिरफ्तारी से पुलिस को और कई घटनाओं से परदा उठने की उम्मीद है.
पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से रही है अदावत : खान ब्रदर्स के नाम से अपराध के क्षेत्र में सक्रिय अयूब-रईस खां गिरोह की लंबे समय से पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन से अदावत रही है. इन दोनों ने अपने पिता मो. कमरूल हक को रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया था, जो तत्कालीन सांसद मो. शहाबुद्दीन को खुली चुनौती कही गयी थी.
इस दौरान कमरूल हक के अपहरण से काफी तनाव पैदा हो गया था. गैंगवार के हालात में नाटकीय ढंग से कमरूल अपहरणकर्ताओं से मुक्त हो गये. वर्ष 2004 में रईस ने अपने साथियों के साथ मिल कर पूर्व सांसद के नजदीकी कहे जानेवाले सुरेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला किया था. इसमें सुरेंद्र सिंह बाल-बाल बच गये, पर उनके दो साथी मारे गये. वर्ष 2002 में रईस ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के करीबी मनोज को हुसैनगंज थाने के छपिया में मार गिराया. इसके बाद कथित रूप से पूर्व सांसद के इशारे पर जेल में बंद रईस के भाई अयूब खान पर हमले की बात सामने आयी थी.
तत्कालीन मंत्री विक्रम कुंवर उस समय पूर्व सांसद के काफी करीबी माने जाते थे. इस अदावत में रईस ने तत्कालीन मंत्री के फुलवरिया स्थित मकान पर हमला किया, जिसमें संदीप सिंह मारा गया. वर्ष 2002 में ही पूर्व सांसद के और तीन समर्थकों की हत्या की थी.
सिसवन थाने में दर्ज हैं सर्वाधिक मामले : अपराध के क्षेत्र में दो दशक से सक्रिय सिसवन थाने के ग्यासपुर निवासी रईस खां पर सर्वाधिक मामले उसके गृह थाना सिसवन में ही दर्ज हैं. इसमें वर्ष 2003 में चैनपुर ओपी प्रभारी बीके यादव की हत्या, वर्ष 2002 में सिसवन थानाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद पर रात्रि गश्त के दौरान जानलेवा हमला, वर्ष 2002 में मनोज श्रीवास्तव की हत्या, वर्ष 2004 में फिरौती के लिए राजकुमार प्रसाद व सोनी का अपहरण व उसका विरोध करने पर अनिल कुमार सिंह की हत्या की घटना को अंजाम दिया गया. वर्ष 2004 में ही अपहरण कर हत्या के अलावा वर्ष 2007 में जानलेवा हमला के अलावा आधा दर्जन से अधिक लूट के मामले दर्ज हैं.
रंगदारी के आरोप रईस पर आये दिन लगते रहे हैं. पुलिस का मानना है कि अधिकतर मामलों में भय से लोग पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराते थे. सिसवन में व्यवसायी प्रेम कुमार का अपहरण कर डेढ़ लाख रुपये वसूलने व 2003 में पुलिस टीम पर हमले में भी रईस आरोपित रहा है.
25 लाख फिरौती मिलने पर मुक्त हुआ था अभियंता
झारखंड के गोंडा जिले के एक कार्यपालक अभियंता के अपहरण में रईस गिरोह का नाम सामने आया था. इससे अपराधियों ने फिरौती की रकम के रूप में 26 लाख रुपये की मांग की थी. यह रकम परिजनों द्वारा देने के बाद ही कार्यपालक अभियंता मुक्त हुए थे. ओड़िशा के राउरकेला में व्यवसायी दंपती के अपहरण की कोशिश में चालक की हत्या हुई थी. इसमें पुलिस रईस खां को आरोपित बनाते हुए तलाश कर रही थी.
हरिशंकर अपहरण में भी जोड़ा जा रहा था रईस का नाम
नवंबर, 2015 के चर्चित पचरुखी के खाद व्यवसायी हरिशंकर अपहरण कांड में भी पहले रईस खान का नाम जोड़ा गया. लेकिन बाद में जांच और मामले के खुलासे में कोई भूमिका नजर नहीं आयी थी.
पुलिस कप्तान की बड़ी सफलता
50 हजार के इनामी रईस खां की गिरफ्तारी सीवान पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है. यह सफलता सीधे तौर पर एसपी सौरभ कुमार साह से जोड़ कर देखी जा रही है. वहीं, छह वर्ष से रईस पर हाथ डालने की किसी ने हिम्मत नहीं की थी. रईस के पास हथियारों का बड़ा जखीरा होने और भारी मुठभेड़ की आशंका से कोई उसपर हाथ डालना नहीं चाह रहा था. हालांकि रईस की गिरफ्तारी पुलिस की योजना की सफलता भी मानी जा रही है.
इधर, पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में पुलिस के उलझने के कारण वह निश्चिंत मान कर चल रहा था. एसपी सौरभ कुमार साह के अुनसार, पुलिस रईस की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थी. पिछले 10 दिनों से उसके लोकेशन पर खासा ख्याल रखा जा रहा था. पुख्ता सूचना मिलने पर अलग-अलग रास्तों से पुलिस टीम पहुंची और उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली.
क्या कहते हैं एसपी
छापेमारी टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों को गैलेंटरी अवार्ड के लिए अनुशंसा भेजी जा रही है. साथ ही उन्हें 50 हजार का घोषित इनाम भी मिलेगा. मौके से फरार अपराधियों की तलाशी के लिए छापेमारी की जा रही है. इससे बड़े पैमाने पर हथियार बरामद होने की संभावना है. साथ ही इसकी गिरफ्तारी से कई राज खुलेंगे.
सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान.
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