स्कूलों से लेकर सरकारी दफ्तरों में नहीं दिखता अग्निशमन यंत्र
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घटनाओं से नहीं ले रहे सबक
स्कूलों से लेकर सरकारी दफ्तरों में नहीं दिखता अग्निशमन यंत्र छोटी-सी लापरवाही आग की बड़ी विभीषिका को आये दिन जन्म दे रही है. आग में जान-माल का हर दिन भारी नुकसान हो रहा है. इन घटनाओं के तह में जाने पर आमतौर पर यह सच्चाई उजागर हो रही है कि लापरवाही कई हादसों का कारण […]
छोटी-सी लापरवाही आग की बड़ी विभीषिका को आये दिन जन्म दे रही है. आग में जान-माल का हर दिन भारी नुकसान हो रहा है. इन घटनाओं के तह में जाने पर आमतौर पर यह सच्चाई उजागर हो रही है कि लापरवाही कई हादसों का कारण बन रही है. इसके बाद भी हम सबक लेने को तैयार नहीं हैं.
सीवान : गगनचुंबी विद्यालयों की इमारतें हों या कलेक्ट्रेट का बहुमंजिली भवन या शहर की तंग गलियां. इन जगहों पर आग की विभीषिका की स्थिति में बड़े हादसे का हर समय भय बना रहता है. यहां आग लगने पर त्वरित गति से उस पर काबू पाने का कोई सरकारी स्तर पर इंतजाम नहीं है.
संस्थानों में नहीं दिखते अग्निशमन यंत्र : सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में अनिवार्य रूप से अग्निशमन के सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिये गये हैं. इसके तहत अग्निशमन सिलिंडर को रखा जाना है. अग्निशमन विभाग का मानना है कि गैर सरकारी की तो बात दूर, सरकारी संस्थानों में भी अधिकांश जगह कोई इंतजाम नहीं है. कलेक्ट्रेट परिसर में जिले के विभिन्न विभागों के आला अफसरों का कार्यालय है. यहां भी अधिकतर जगह अग्निशमन यंत्र नहीं है.
स्कूलों में रहता है हादसे का भय :
प्राइवेट स्कूलों में आपसी प्रतिस्पर्द्धा का असर है कि शहर में बहुमंजिली इमारतों की भरमार है. इन इमारतों में आग या अन्य विभीषिका की स्थिति में सुरक्षित बाहर निकलने के लिए योजनागत उपाय नजर नहीं आते हैं. शहर के स्कूलों में ऐसे हादसे कभी नहीं हुए, पर इसको लेकर सावधानी की बात तो एजेंडे में अग्निशमन विभाग के रहा है.
धार्मिक स्थलों पर सबसे अधिक डर : हवन पूजन के दौरान आग की बड़ी घटना होने का धार्मिक स्थलों पर हमेशा भय रहता है. ऐसे हादसों का समय-समय पर पुनरावृत्ति भी होती रही है. इसके बाद भी इन स्थानों पर सतर्कता के उपाय नजर नहीं आते हैं. महेंद्र नाथ धाम मेंहदार, हंसनाथ धाम, सोहगरा के अलावा आधा दर्जन ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां भक्तों की बड़ी कतार लगती है. इन स्थानों पर आग लगने पर त्वरित काबू पाने का कोई इंतजाम नजर नहीं आता है.
बचाव का नहीं रहता है कोई साधन
क्या कहते हैं अधिकारी
आग पर त्वरित काबू पाने के लिए अग्निशमन यंत्र सरकारी व गैरसरकारी कार्यालयों को लेने की अनिवार्यता है. इसके तहत कुछ पैथाेलॉजिकल सेंटर समेत अन्य संस्थानों के संचालकों ने यंत्र लगाया है. इसके बाद भी अधिकतर संस्थानों में यंत्र नहीं हैं. इसके लिए अग्निशमन विभाग दबाव नहीं बना सकता. लोगों व संस्थाओं को समय-समय पर प्रेरित किया जाता है.
सत्येंद्र प्रसाद सिंह
सहायक अग्निशमन पदाधिकारी, सीवान
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