सीवान : विद्यालय भवन निर्माण मद में जारी की गयी राशि को समय पर वापस नहीं करने पर विभाग ने इसे अस्थायी गबन का मामला मानते हुए तत्कालीन प्रधानाध्यापक को जमा करने का निर्देश दिया है. यदि एचएम पत्र प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर राशि जमा नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्व प्राथमिकी तय है. मामला सदर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चकरा का है. वित्तीय वर्ष 2008-09 व 2011-12 में राशि निर्गत की गयी थी.
पत्र डीपीओ एसएसए कार्यालय ने जारी किया है. पत्र के अनुसार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चकरा को वित्तीय वर्ष 2008-09 में भवन निर्माण के लिए सात लाख 65 हजार रुपये जारी किये गये थे. इसके विरुद्ध 6 लाख 75 हजार 166 रुपया खर्च किये गये. निर्माण कार्य फिनिशिंग स्तर तक ही कराया गया. शेष कार्य बाधित रह गया. इस मद में 90 हजार 344 रुपये और खर्च होने थे. वहीं दूसरी ओर वित्तीय वर्ष 2011-12 में भी नौ लाख 14 हजार 250 रुपये भवन निर्माण मद में जारी किये गये थे.
इसके विरुद्ध 5 लाख 84 हजार 314 रुपये खर्च किये गये. इस मद में भी काम पूरा नहीं हुआ व 3 लाख 29 हजार 936 रुपये शेष रह गये, जो विद्यालय के पास ही हैं. उक्त दोनों राशि 90 हजार 344 व 3 लाख 29 हजार 936 रुपये को विभाग ने अस्थायी गबन का मामला मानते हुए प्रधानाध्यापक को पत्र प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर ब्याज सहित जमा करने का निर्देश दिया है. साथ ही राशि जमा नहीं करने पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. इधर, प्रधानाध्यापक वीरेंद्र सिंह ने बताया कि मामला तत्कालीन प्रधानाध्यापक विकास कुमार दत्ता के कार्यकाल का है.