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उफ! यह गरमी तो जानलेवा है

उफ! यह गरमी तो जानलेवा हैपेज तीन का लीडजिले में बुधवार को गरमी में अप्रत्याशित वृद्धि हो गयी. इससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जानेवाले छोटे-छोटे बच्चों को हुई. दोपहर में घर लौटते समय उन्हें भारी तपिश का सामना करना पड़ा. लोग गरमी के आगाज को देख कर उसके अंजाम […]

उफ! यह गरमी तो जानलेवा हैपेज तीन का लीडजिले में बुधवार को गरमी में अप्रत्याशित वृद्धि हो गयी. इससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जानेवाले छोटे-छोटे बच्चों को हुई. दोपहर में घर लौटते समय उन्हें भारी तपिश का सामना करना पड़ा. लोग गरमी के आगाज को देख कर उसके अंजाम के बारे में सोच कर ही सिहर रहे हैं. लोग अभी से गरमी से बचने के लिए अपने-अपने स्तर से उपाय करने में जुट गये हैं. फोटो-15-गरमी से बेहाल स्कूल जातीं छात्राएं 16-सत्तू की दुकान पर लगी ग्राहकों की भीड़ संवाददाता 4 सीवानबुधवार को अचानक पारा बढ़ने से गरमी ने लोगों को बेहाल कर दिया. सड़कों पर अन्य दिनों से कम लोग नजर आये. लू के थपेड़ों के चलते हर कोई परेशान दिखा. सबसे ज्यादा परेशान स्कूल जानेवाले छोटे-छोटे बच्चों को देखा गया. स्कूल से लौटते समय गरमी से उन्हें जूझते देखा गया. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक गत वर्ष से इस बार गरमी की अधिक मार लोगों को झेलनी पड़ सकती है. चैत में मौसम दिला रहा जेठ माह का एहसासगरमी की मौजूदा हालात ने लोगों को उफ कहने पर मजबूर कर दिया है. आमतौर पर जेठ की धूप को सबसे अधिक माना गया है. जेठ की दुपहरिया की गरमी से जुड़े कई किस्से व कहानियां मौजूद हैं. मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव ने बेमौसम गरमी की मार झेलने को मजबूर कर दिया है. अप्रैल की शुरुआत अर्थात चैत माह में गरमी व लू के चलते जनजीवन पर प्रतिकूल असर हो गया है. चैत माह में ही जून की तरह पारा अपने रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गया है. यह हाल अगले एक पखवारे तक बने रहने की उम्मीद है.सावधान नहीं रहें, तो मौसम ले सकता है जानचिकित्सकों का मानना है कि लू लगने से जान तक जाने की स्थिति उत्पन्न होती है. ऐसे में इसको लेकर सतर्कता ही एकमात्र उपाय है. शरीर में पानी की कमी से तेज बुखार, बदनदर्द व सिरदर्द, पेचिश के अलावा चर्म रोग आमतौर पर होते हैं. चिकित्सक डाॅ मुकेश कुमार कहते हैं कि घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें. बदन का अधिकांश हिस्सा ढका हुआ रहना चाहिए. अधिक-से-अधिक पानी का सेवन करना चाहिए. ताजा भोजन ही ग्रहण करें. तैलीय व मसालायुक्त भोजन से परहेज करें. तापमान ने तोड़ा पिछले वर्ष का रिकॉर्डअप्रैल माह में प्रथम पखवारे में न्यूनतम तापमान 15 अप्रैल को 23 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम सात अप्रैल व 12 अप्रैल को 44 डिग्री तापमान का अनुमान है. वर्ष 2015 में अप्रैल माह के प्रथम पखवारे में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस छह अप्रैल को व अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस 11 अप्रैल को रहा. गत वर्ष से आमतौर पर 6 डिग्री सेल्सियस अधिक तक तापमान रहने के आसार हैं. वर्ष 2015 में औसत तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से 21 डिग्री सेल्सियस तक रहा था.बढ़ी शीतल पेय की मांगमौसम का सीधा रिश्ता लोगों के खानपान से होता है. मौसम की तपिश बढ़ते ही एक बार फिर शीतल पेय पदार्थों की मांग बढ़ गयी है. सत्तू व बेल की लस्सी की दुकानों पर ग्राहकों की संख्या अधिक दिख रही है. इसको लेकर कारोबारी भी उत्साहित हैं.तापमान पर एक नजर (अधिकतम व न्यूनतम) वर्ष 2015 वर्ष 20166 अप्रैल 34-20 से. 42-25 से.7 अप्रैल 35-21 से. 44-23 से.8 अप्रैल 36-21 से. 40-26 से.9 अप्रैल 37-21 से. 40-26 से.10 अप्रैल 26-20 से. 41-28 से.11 अप्रैल 38-20 से. 43-25 से.12 अप्रैल 29-23 से. 44-25 से.

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