मल्टी कॉम्प्लेक्स की दुकानों में खरीदारी से वंचित ग्राहकों को आकर्षित करता है यह बाजार
सीवान : भूमंडलीकरण के दौर में बाजार की सूरत में तेजी से आये बदलाव के बीच अब भी फुटपाथ के बाजार की अपनी अलग पहचान बरकरार है. सीवान का संडे मार्केट इनमें से एक है.
रविवार को शहर के सड़कों के सन्नाटे के बीच यहां दरबार सिनेमा रोड पर कोलाहल भरा माहौल सबको आकर्षित करता है. ये दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तेज आवाज में अपने प्रोडक्ट का दाम बताते नजर आते हैं. संडे बाजार के रूप में पिछले ढाई दशक से फुटपाथ के इस बाजार की रौनक है. यहां के ग्राहकों को हफ्ता भर इसका इंतजार रहता है. मल्टीकॉम्प्लेक्स की दुकानों के कपड़ों का बजट नहीं पूरा कर पानेवाले लोगों को यह संडे बाजार विशेष कर भाता है, जहां डिजायनिंग कपड़ों को सस्ते दर में खरीद कर ग्राहक अपनी जरूरत को पूरा कर लेते हैं.
यहां दो दर्जन से अधिक दुकानें रविवार को लगती हैं. फुटपाथ पर दुकान लगानेवाले शहर से लेकर पटना तक के हैं. इनमें से अधिकतर सप्ताह भर अन्य स्थानों पर मेहनत मजदूरी कर अपनी जरूरत पूरा करते हैं.
इन दुकानदारों में से अधिकतर पिछले पांच वर्ष से लेकर पच्चीस वर्ष तक से यहां अपनी दुकान लगा रहे हैं. पटना हनुमान मंदिर मुहल्ला निवासी तबरेज आलम का कहना है कि मैं यहां पिछले 22 वर्ष से दुकान लगा रहा हूं. पटना में हनुमान मंदिर के समीप अन्य दिन दुकान लगाता हूं. यहां हर रविवार को लगनेवाली दुकान में 50 रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक के कपड़े मौजूद हैं. पटना गायघाट निवासी अली अहमद अन्य दिन पटना में मजदूरी करता है तथा संडे बाजार में यहां दुकान लगाता है. बकौल अली अहमद रेडिमेड कपड़े लोगों को सस्ते दर पर मिलने के कारण ग्राहक काफी संख्या में आते हैं. डिफेक्टिव माल अच्छी क्वालिटी का भी लोगों को सस्ते दर पर मिला जाता है.
शहर के पटवा टोली निवासी चंदन गुप्ता का कहना है कि अन्य दिन शांति वट वृक्ष के सामने दुकान लगाता हूं. यहां के संडे मार्केट में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक कपड़ों की बिक्री होती है. ढाई सौ रुपये के शर्ट व साढ़े तीन सौ रुपये के जींस भी यहां ग्राहकों को मिल जाते हैं. नगर की शुक्ल टोली के निवासी शाहनवाज का कहना है कि दिल्ली से कपड़ा मंगा कर यहां बेचता हूं. एक दिन की आमदनी से आधा सप्ताह का खर्च निकल जाता है. अन्य दिन मजदूरी करता हूं.