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साल भर में खुलेगा छात्रों का खाता !

असुविधा. तीन महीने में महज 18 फीसदी छात्रों का खाता खुला, छात्रवृत्ति व अन्य सरकारी योजनाओं के पैसे का खाते से होगा भुगतान शासन-प्रशासन ने अब सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले छात्रों को छात्रवृत्ति व दूसरे इमदाद बैंक खाते के जरिये आरटीपीएस से करने का निर्देश दिया है. ऐसे में छात्रों में बैंक में खाता खुलवाने […]

असुविधा. तीन महीने में महज 18 फीसदी छात्रों का खाता खुला, छात्रवृत्ति व अन्य सरकारी योजनाओं के पैसे का खाते से होगा भुगतान
शासन-प्रशासन ने अब सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले छात्रों को छात्रवृत्ति व दूसरे इमदाद बैंक खाते के जरिये आरटीपीएस से करने का निर्देश दिया है. ऐसे में छात्रों में बैंक में खाता खुलवाने की होड़ मची है. पहले से ही कर्मियों की कमी से जूझ रहे बैंकों में अचानक छात्रों की भारी आवक हाेने से जहां व्यवस्था कमतर दिख रही है, वहीं छात्रों की जल्दी के आगे बैंकर्स भी परेशान हैं.
रोजाना बड़ी संख्या में छात्र बैंक पहुंच रहे हैं, लेकिन खाता खुलने की सुस्त रफ्तार से वे आजिज हैं. तीन महीने में महज 18 फीसदी छात्रों का ही खाता खुल पाया है. ऐसे में साल भर से भी अधिक समय में सभी छात्रों का खाता खुलना संभव हो पायेगा.
– ऐसे तो छात्रों के खाते खुलने में लग जायेंगे डेढ़ वर्ष
– खाता न खुलने से छात्रों व अभिभावकों की परेशानी बढ़ी
सीवान : स्कूली छात्रों को विभिन्नो योजनाओं के तहत मिलनेवाली धनराशि के सीधे खाते में भुगतान की योजना अफसरसाही के लेटलतीफी का शिकार हो गयी है.अधूरी तैयारी के साथ भुगतान की जिम्मेदारी बैंकों को देकर विभाग ने अपना पल्ला झाड़ लिया तो उधर बैंक प्रबंधन स्टाफ की कमी का रोना रोते हुए खाता खोलने से ही इंकार कर रहा है.जिससे हर दिन बैंक कर्मियों व छात्रों के बीच नोंकझोंक के आलम से छात्र व बैंक कर्मी दोनों परेशान हो रहे हैं.
छात्रों को पहले स्कूल में मिलते थे नकद पैसे : छात्रवृत्ति,पोशाक,साइकिल समेत विभिन्न योजनाओं में छात्रों को नगद धनराशि की विद्यालय में ही प्रधानाचार्य द्वारा छात्रों को भुगतान किया जाता था. इस दौरान धनराशि के गबन की शिकायत मिलती रही.ऐसे में शासन ने छात्रों के खाते में सीधे धन के भुगतान की योजना बनायी.जिसका अनुपालन वर्ष 2015-16 सत्र से किया जाना था.
खाता न खुलने पर छह माह का विद्यालय से हुआ भुगतान : योजना को लागू करने में विलंब की स्थिति में शासन ने छह माह का पोशाक व छात्रवृत्ति राशि का भुगतान पूर्व की तरह विद्यालय से ही किया.इसके बाद विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कारण इस पर अमल नहीं हो पाया.
अक्तूबर से चल रही खाता खोलने की प्रक्रिया : वर्ष 2015-16 मेंछात्रों के खातों में सीधे धनराशि भेजने की योजना के अनुपालन के लिए बैंक में खाता खोलने की प्रक्रिया छह माह विलंब से आखिरकार शुरू हुआ.अक्तूबर माह से खाता खोलने के साथ ही दिसंबर के अंत तक हर हाल में खाता खोल दिये जाने की योजना तय की गयी.हालांकि बैंक कर्मियों ने कर्मचारियों के अभाव में समय से खाता खोलने से शुरू से ही इंकार करते रहे.जिसका नतीजा है कि सभी खाता नहीं खुल सका है.
अब तक मात्र 18 फीसदी खुले खाते : दिसंबर तक खाता खोलने के लक्ष्य के विपरित स्थिति है कि अब तक मात्र 18 फीसदी छात्रों के बैंक खाते ही खुले हैं.यह आंकड़ा मात्र कक्षा एक से आठ तक की है.ऐसे में समय से खाता खुलवाने से 82 प्रतिशत छात्र वंचित रह गये हैं.इन्हें विभाग व बैंक के लापरवाही के चलते स्वयं के लाभ से वंचित होने की चिंता सताने लगी है.खाता खोलने के अगर यही रफ्तार रहा तो और एक वर्ष से अधिक वक्त गुजर जायेंगे
जिले में खुले खातों पर एक नजर (कक्षा 1 से 8 तक)
कुल छात्र संख्या -5,99,064
कुल खाता खुला – 1,07832
प्रखंडवार छात्रों की संख्या
आंदर -24386
बड़हरिया -49937
बसंतपुर -21425
भगवानपुर हाट -44210
दरौली -33902
दरौंदा -35639
गोरयाकोठी -44472
गुठनी -21239
हसनपुरा -30050
हुसैनगंज -29817
लकड़ीनबीगंज -26827
महाराजगंज -35830
मैरवा -19285
नौतन -17004
पचरूखी -33329
रघुनाथपुर -29010
सिसवन -29011
सीवान सदर -43720
जीरादेई -29881
बैंक प्रबंधन ने पल्ला झाड़ा : बैंकों की सामन्य तौर पर स्थिति यह है कि वे कर्मचारी के कमी से जुझ रहे हैं.हर वर्ष काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ता जा रहा है.साथ ही नयी भर्ती के बजाय हर वर्ष कर्मचारी अधिक सेवानिवृत हो रहे हैं.इसके बाद भी बैंक अधिकारियों का कहना है कि पूर्व की तैयारी के साथ खाता खोलने की योजना बनी होती तो ये संकट नहीं आता.
एक साथ सैकड़ों छात्रों के बैंक में उपस्थिती के कारण अव्यवस्था उत्पन्न हो जाती है.जिससे अन्य कार्य भी प्रभावित होता है.जिसका खामियाजा छात्र अनावश्यक परेशानी व अन्य ग्राहक भी समस्या से जुझते हैं.ऐसें में शिक्षा विभाग को शासन स्तर पर पहल कर कैंप लगा कर खाता खुलवाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी.
शिक्षा विभाग ने कहा, बैंक कर रहा टालमटोल : खाता खोलने के सवाल पर शिक्षा विभाग के अधिकारी बैंक प्रबंधन को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
अधिकारियों का कहना है किअक्तूबर से खाता खोलने की प्रक्रिया को अगर सुचारू रूप से अपनाया गया होता तो ये हालात नहीं होते.अब तक मात्र 18 फीसदी खाता खोला जाना लापरवाही को ही उजागर करता है.
छात्रों से आये दिन हो रही नोंकझोंक : जिले में आये दिन बैंकों में कर्मचारियों व छात्रों के बीच खाता खुलवाने को लेकर नोंकझोंक की घटना हो रही है बानगी के तौर पर देखें तो गुजरे एक माह में दरौली,दरौंदा,रघुनाथपुर,नौतन,जीरादेई समेत कई प्रखंड में स्थित बैंकों में खाता खोलने को लेकर छात्रों ने बवाल काटा .
क्या कहते हैं अधिकारी
खाता खोलने में हो रहे विलंब के कारण शासन के तरफ से हर हाल में खाता खुलवाने का दबाव है.आगामी 7 जनवरी को सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी.जिसमें अब तक की खाता खुलने की स्थिती की समीक्षा होगी.साथ ही इसमें तेजी लाने के लिए सर्वमान्य हल निकालने पर भी विचार होगा.जिन छात्रों का खाता नहीं खुल पाया है.उनका जनवरी में हर हाल में खाता खोलने की कोशिश की जायेगी.
राजकुमार, डीपीओ
सर्व शिक्षा अभियान

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