जेल से निकल कर शहाबुद्दीन ने दिया था तेजाब हत्याकांड को अंजामफोटो:-10- घर पर अपनी पत्नी कलावती देवी के साथ मौजूद चंद्रकेश्वर बाबू. इंट्रो- बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में 11 वर्ष के इंतजार के बाद बुधवार को विशेष अदालत ने पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन सहित चार लोगों को दोषी करार दिया. हत्या, हत्या की नीयत से अपहरण, साक्ष्य छुपाने व आपराधिक षड्यंत्र का दोष सिद्ध हुआ है. कोर्ट ने चश्मदीद गवाहों के बयान पर यह माना कि जेल में बंद रहने के बावजूद मो शहाबुद्दीन ने कानून को तोड़ते हुए जेल से निकल कर अन्य साथियों के साथ मिल कर घटना को अंजाम दिया. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब जेल प्रशासन भी कटघरे में खड़ा हो गया है.संवाददाता, सीवान16 अगस्त, 2004 की सुबह शहर के गौशाला रोड स्थित व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के मुख्य सड़क पर अर्धनिर्मित मकान पर भूमि विवाद के निबटारे को लेकर पंचायती हो रही थी. पंचायत के दौरान ही कुछ लोग चंद्रकेश्वर समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मारपीट पर उतारू हो गये. इस दौरान बचाव में राजीव रोशन उर्फ राजेश्वर प्रसाद ने हमलावरों पर तेजाब फेंक दिया, जिसमें कई लोग जख्मी हो गये. इसकी प्रतिक्रिया में चंदा बाबू के बेटे गिरीश को बड़हरिया बस स्टैंड के समीप स्थित दुकान से तथा सतीश का चुराहट्टी से दिनदहाड़े अपहरण कर लिया गया. इस मामले में अपहृतों की मां कलावती देवी के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध अपहरण का मामला मुफस्सिल थाने में दर्ज हुआ.अनुसंधानकर्ता ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें अपहरण व साजिश का मो शहाबुद्दीन व उसके अन्य तीन साथियों को आरोपित माना. दौरा सुपूर्दगी के बाद आरोप गठित किया गया. इसके बाद 11 गवाहों के बयान दर्ज हुए, जिसमें वर्ष 2010-11 में अपहृतों के बड़े भाई राजीव रोशन बतौर चश्मदीद गवाह मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में गवाही के लिए उपस्थित हुए. गवाही में कहा कि दो भाइयों के साथ हमारा भी अपहरण हुआ था. अभियोजन के अनुसार राजीव रोशन ने कहा कि उसकी आंखों के सामने उसके दोनों भाइयों की हत्या शहाबुद्दीन के आदेश पर प्रतापपुर गांव में कर दी गयी. वह किसी तरह वहां से जान बचा कर भागा था और गोरखपुर में गुजर-बसर कर रहा था. चश्मदीद राजीव रोशन के बयान पर तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक सोमेश्वर दयाल ने हत्या एवं षड्यंत्र का फिर एक बार आरोप गठन करने का विशेष अदालत से निवेदन किया. विशेष अदालत ने न्याय प्रक्रिया में उठाये गये कदमों को विलंबित करार देते हुए खारिज कर दिया. इसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश पर पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के विरुद्ध आरोप गठित किये गये. मामले में फिर एक बार गवाही की प्रक्रिया चल रही थी कि 16 जून ,2014 को चश्मदीद गवाह राजीव रोशन की हत्या हो गयी. आखिरकार बुधवार को विशेष अदालत ने शहाबुद्दीन सहित चार को दोषी करार दे दिया.विशेष लोक अभियोजक ने कहा : विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह ने कहा कि अदालत ने पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 364 ए, 201 और 120 (बी) हत्या, रंगदारी के लिए अपहरण, हत्या कर साक्ष्य छुपाने व साजिश करने का दोषी माना है. वहीं सह अभियुक्त शेख असलम, शेख आरिफ उर्फ सोनू और राजकुमार साह को भादवि की धारा 364 ए व 323 फिरौती के लिए अपहरण व मारपीट का दोषी करार दिया है. विशेष अदालत ने इस मामले को दुर्लभ श्रेणी का माना है, जिससे दोषियों को इन धाराओं में अधिकतम सजा हो सकती है. फैसले का सीवान के लोगों को बहुत दिनों से इंतजार था.बचाव पक्ष की दलील : बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने फैसले के खिलाफ हाइ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गयी व्यवस्था का हवाला देते हुए अभियुक्त पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को दोषमुक्त करने का निवेदन किया था.अधिवक्ता अभय कुमार राजन कहते हैं कि हत्या के वक्त शहाबुद्दीन जेल में थे और किसी भी जेल अधिकारी को उन्हें जेल से बाहर करने के लिए आरोपित नहीं किया गया है. ऐसे में उनके कैसे जेल से बाहर आने की बात कही जा रही है. जेल के किसी अधिकारी की गवाही या अभिलेखों को अभियोजन द्वारा नहीं लाया गया. शहाबुद्दीन के खिलाफ मृतकों के एक भाई की गवाही भी पांच साल बाद हुई.मृत भाइयों के पिता चंदा बाबू ने कहा, कोर्ट के निर्णय का करता हूं सम्मानसीवान . विशेष अदालत के बुधवार को बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में मो शहाबुद्दीन समेत चार लोगों के खिलाफ सजा सुनाये जाने पर मृत भाइयों के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने न्याय की जीत बताते हुए फैसले पर संतोष व्यक्त किया. साथ ही कहा कि दोषियों को न्यायालय फांसी की सजा सुनाये. इससे लोगों का न्यायालय पर और भरोसा बढ़ेगा.शहर के अस्पताल रोड स्थित अपने मकान में चंदा बाबू पुलिस सुरक्षा के बीच जीवन व्यतीत कर रहे हैं. कोर्ट के निर्णय आने की खबर को लेकर सुबह से ही परिजनों की ध्यान उधर टिका हुआ था.तेजाब कांड में स्पेशल कोर्ट द्वारा पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन सहित चार लोगों को दोषी करार दिये जाने के कोर्ट का निर्णय आते ही चंदा बाबू ने स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय से उन्हें किसी प्रकार की शिकायत नहीं है. लेकिन वे चाहते हैं कि जिस प्रकार उनके दो बेटों सतीश व गिरीश राज की अगवा कर हत्या कर दी गयी और उसके बाद घटना के चश्मदीद गवाह तीसरे पुत्र राजीव रोशन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को सजा-ए-मौत की सजा मिले. ताकि फिर से कोई इस प्रकार की हत्या करने के पहले सोचे कि इसके क्या परिणाम हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि कोर्ट अपराध के अनुसार दोषियों को सजा देगा.कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, मुझे उससे शिकायत नहीं होगी.सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ था विशेष अदालत का गठन तेजाब हत्याकांड में पीड़ित पक्ष की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट ने जेल में ही सात जून, 2006 को विशेष अदालत का गठन किये जाने का निर्देश दिया. इस मामले में कहा जाता है कि पूर्व में अभियोजन पक्ष द्वारा हाइ कोर्ट में विशेष अदालत गठन के लिए आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. इस पर बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील की. सर्वोच्च न्यायालय ने अपील खारिज करते हुए हाइ कोर्ट के आदेश को वैध माना.09.09.09 को शहाबुद्दीन को पुलिस ने किया रिमांड : 9 सितंबर, 2009 को तेजाब हत्याकांड के मामले में पहली बार जेल में बंद मो शहाबुद्दीन को सीजेएम कोर्ट में रिमांड के लिए लाया गया, जिस पर कोर्ट ने रिमांड कर जेल भेज दिया.घटना के पूर्व राजीव रोशन पर तेजाब फेंकने का लगा था आरोप : निक्कु व सोनू के अपहरण के चंद घंटे पूर्व कुछ लोगों पर तेजाब फेंकने का उसके भाई राजीव रोशन उर्फ राजेश्वर प्रसाद पर आरोप लगा था.मुफस्सिल थाने के दारोगा हाता निवासी मदन शर्मा के बयान पर मुफस्सिल थाना कांड संख्या 130/2004 में भादवि की धारा 307/34 में जानलेवा हमला का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके मुताबिक बड़हरिया स्टैंड के समीप अपने आवास पर जमीन संबंधित मामले में पंचायत के दौरान राजीव रोशन ने अजमेर मियां व झब्बु मियां समेत आधा दर्जन पर तेजाब फेंक दिया. हालांकि मुकदमा की सुनवाई के दौरान ही राजीव रोशन की बदमाशों ने हत्या कर दी.
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जेल से निकल कर शहाबुद्दीन ने दिया था तेजाब हत्याकांड को अंजाम
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