18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अस्तत्वि के संकट से जूझ रहा ग्रामीणांचल का प्रथम वद्यिालय

अस्तित्व के संकट से जूझ रहा ग्रामीणांचल का प्रथम विद्यालयफोटो-02-एमएस उच्च विद्यालय कैंपस 03-प्रधानाचार्य सैयद अली पंजतन.हाल एमएस उच्च विद्यालय का जिला मुख्यालय के बाद शिक्षा केंद्र के रूप में अंगरेजी हुकूमत के समय था एकलौता विद्यालयशिक्षक विहीन हैं इंटर की कक्षाएंहुसैनगंज . सात दशक पूर्व जिले में उच्च माध्यमिक विद्यालयों के रूप में ग्रामीणांचल […]

अस्तित्व के संकट से जूझ रहा ग्रामीणांचल का प्रथम विद्यालयफोटो-02-एमएस उच्च विद्यालय कैंपस 03-प्रधानाचार्य सैयद अली पंजतन.हाल एमएस उच्च विद्यालय का जिला मुख्यालय के बाद शिक्षा केंद्र के रूप में अंगरेजी हुकूमत के समय था एकलौता विद्यालयशिक्षक विहीन हैं इंटर की कक्षाएंहुसैनगंज . सात दशक पूर्व जिले में उच्च माध्यमिक विद्यालयों के रूप में ग्रामीणांचल में एकलौते विद्यालय के रूप में स्थानीय एमएस उच्च विद्यालय को गौरव प्र्राप्त था, जहां शिक्षा के लिए लंबी दूरी तय कर छात्र आते थे. समय के साथ विद्यालय को विस्तार मिला व यहां इंटर तक की कक्षाएं प्रारंभ हो गयीं. इसके साथ ही बढ़ते छात्रों के अनुपात में संसाधनों का विस्तार न होने से विद्यालय अब अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है.हुसैनगंज हवेली के मो सालेह ने वर्ष 1939 में विद्यालय की नींव डाली. यहां दूर-दराज से आनेवाले छात्रों के लिए आवासीय छात्रावास भी था. विभागीय पदाधिकारियों व प्रबंधन कमेटी की उदासीनता के कारण पिछले 20 वर्ष से छात्रावास बंद पड़ा है. छात्रावास में अब गैरज, वाहन व अन्य दुकानें संचालित हो रहे हैं. पूर्व में इस विद्यालय में सिर्फ छात्रों का नामांकन होता था. 1990 के बाद छात्राओं का नामांकन भी प्रारंभ हो गया. वर्तमान समय में छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या अधिक है. यह उच्च विद्यालय प्रखंड का एकमात्र अल्पसंख्यक विद्यालय है. यहां सभी समुदायों के बच्चे पठन-पाठन करने आते हैं. विद्यालय को संचालित करने में प्रबंधन कमेटी का अपना नियम चलता है. इस विद्यालय में नवम वर्ग में 380 छात्र व 548 छात्राएं हैं, वहीं दशम वर्ग में छात्रों की संख्या 368 है, तो छात्राओं की संख्या 474 हैं. इसके अतिरिक्त इंटर क्लास में तीनों संकायों में लगभग चार सौ छात्र-छात्राएं हैं. विद्यालय के प्रांगण में जूनियर क्लास भी संचालित होती है. सभी बच्चों के लिए मात्र तीन चापाकल और दो शौचालय हैं, जिससे छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विद्यालय में पुस्तकालय तो है, लेकिन अभी तक पुस्तकाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है. कंप्यूटर के ठेकेदारों द्वारा कंप्यूटर शिक्षण को अपने ढंग से कंप्यूटर शिक्षक की नियुक्ति, जेनेरेटर, डीजल तथा रख-रखाव की जिम्मेवारी हैं, लेकिन पिछले कई दिनों से जेनेरेटर खराब होने से पठन-पाठन बाधित होती हो रही है. विद्यालय के छात्रों में रमेश, मनीष, अभिषेक, राजा, कुणाल तथा आशीष ने बताया कि अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को वित्तीय सत्र और वर्तमान सत्र में साइकिल की राशि का वितरण नहीं हुआ है, जिससे बच्चों में काफी नाराजगी व्याप्त है. इंटर कॉलेज में उच्च विद्यालय के शिक्षकों द्वारा ही छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाता है. वर्तमान में इंटर की तीनों संकायों में एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. क्या कहते हैं प्राचार्यइंटर में कुल 20 शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित कराया गया था, लेकिन अभी तक एक भी शिक्षक नहीं आये. मजबूरीवश उच्च विद्यालय के शिक्षकों से पठन-पाठन कराया जाता हैं. बच्चों की संख्या के आधार पर कम-से-कम आठ चापाकल और 10 शौचालयों के निर्माण कराने की आवश्यकता जतायी. वहीं विद्यालय में कई बार कंप्यूटर और पंखे की चोरी हो जाने से विभाग से रात्रि प्रहरी की मांग की गयी है. सैयद अली पंजतन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें