आठ शिक्षक, 11 सौ छात्र, कैसे हो पढ़ाई विद्यालय परिसर में बना रहता है जलजमावफोटो : 04, स्वामी कर्मदेव हाइ स्कूल का खपरैलनुमा भवन. महाराजगंज. शहर का स्वामी कर्मदेव यमुना राम उच्च विद्यालय 1964 से स्थापित हुआ था. विद्यालय में छह कमरे व पांच कमरे खपरैल के हैं. खपरैल कमरे जर्जर अवस्था में हैं. बारिश होने पर बच्चों की पढ़ाई बंद करनी पड़ती है. खपरैल कब किसके सिर पर गिर जाये, यह कहना मुश्किल है. इन्हीं कमरों में 11 सौ छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डाल कर शिक्षा ग्रहण करते हैं. विद्यालय +2 में अपग्रेड है, लेकिन कमरों, शिक्षकों व अन्य संसाधनों की घोर कमी के कारण +2 की पढ़ाई नहीं होती है.शिक्षकों व कमरों की है कमी : 11 सौ छात्र-छात्राओं को पढ़ाने का भार आठ शिक्षकों पर है, जिनमें प्रधानाध्यापक सहित तीन नियमित व पांच नियोजित शिक्षक हैं. 19 शिक्षकों की विद्यालय में कमी है. वहीं विद्यालय में +2 के पढ़ाई के लिए पांच नियोजित शिक्षकों का नियोजन हुआ है. वहीं विद्यालय में 10 कमरों की आवश्यकता है. विद्यालय में प्रयोगशाला, पुस्तकालय नहीं हैं. अलावा इसके विद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुसार दो शौचालयों की और आवश्यकता है. विषयवार शिक्षकों की कमी : विद्यालय में गणित के दो शिक्षकों की आवश्यकता है. जबकि एक भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. हिंदी विषय में एक शिक्षक हैं. एक की और आवश्यकता है. वहीं उर्दू के एक शिक्षक है, एक की आवश्यकता है. फिजिकल एक भी शिक्षक नहीं है. संस्कृत व विज्ञान के शिक्षकों की आवश्यकता है. +2 के लिए भौतिकी, रसायन शास्त्र, गणित, जीव विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गृह विज्ञान, दर्शनशास्त्र, भूगोल, राजनीतिक शास्त्र व वाणिज्य आदि विषयों के शिक्षक नहीं है, जिसके कारण +2 की पढ़ाई नहीं होती है. स्कूल में रहता है जल जमाव : हल्की बारिश के कारण स्कूल परिसर में जलजमाव हो जाता है. विद्यालय के प्रांगण से जल निकासी की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण पानी नहीं निकल पाता है. प्रधानाध्यापक ने बताया कि भवन के अभाव में छात्रों को पठन-पाठन में काफी परेशानी होती है. भवन के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा गया है. स्वच्छ जल मिलना रह गया सपना वर्षों से बंद पड़ी है जल मीनारफोटो. 05 महाराजगंज शहर की जल मीनार. महाराजगंज. अनुमंडलीय शहर की जनता को स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए आठ फरवरी, 2007 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जल मीनार का उद्घाटन किया गया था़ शहरी जल आपूर्ति योजना के अंतर्गत 139.45 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण कराया गया. उद्घाटन के बाद शहरवासियों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने की आशा जगी. शहरवासियों में खुशी का ठिकाना नहीं था. स्थानीय लोगों को लग रहा था कि अविलंब शहर में पाइप लाइन का जाल बिछा कर शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया जायेगा. जल मीनार से कैंपस में पानी नल से गिरने लगा, लेकिन शहरवासियों के लिए यह सपना बन कर रह गया. मुख्य सड़कों के किनारे पाइप डाल दिये गये. पाइपों में पानी भी छोड़ा गया, मगर यह शुद्ध जल जनता को नसीब नहीं हुआ ,कारण शहर की गलियों मे पानी आपूर्ति के लिए पाइप ही नहीं बिछाये गये, जिसके कारण उपभोक्ता जल आपूर्ति के लिए कनेक्शन नहीं ले पा रहे है़ं जनता के हक में वामदल तेज करेगा संघर्ष : मुंशीफोटो. 06 मुंशी सिंहमहाराजगंज. माकपा माले के वरीय नेता मुंशी सिंह ने महाराजगंज स्थित माकपा कार्यालय पर कहा कि समाज के निचले पायदान पर खड़े सभी वर्ग के लोगों के हक की लड़ाई वामदल एक राय होकर लड़ेंगे. राष्ट्रीय व प्रांतीय इकाई जो निर्णय लेगी, उसके अनुसार प्रखंड, जिला व प्रदेश स्तर पर लड़ाई लड़ी जायेगी. कॉमरेड श्री सिंह ने नीतीश कुमार की शराब बंदी की घोषणा का स्वागत किया. वाम दल सांप्रदायिक धरणा के खिलाफ है. हम सभी इस पर चिंतन कर रहे हैं. मौके पर अधिवक्ता रवींद्र सिंह, जनार्दन राम, राजेंद्र दास, बच्चन सिंह, योगेंद्र सिंह उर्फ गार्ड बाबू आदि मौजूद थे.हारे विधायक की सिफारिश की योजना को प्राथमिकता पर खुशीमहाराजगंज. योजना और विकास विभाग द्वारा हारे विधायकों द्वारा की गयी अनुशंसा वाले कार्यो को प्राथमिकता दिये जाने पर कार्यकर्ताओं में खुशी है. विभाग ने कहा है कि हारे हुए विधायकों की चुनाव से पहले सिफारिश हो चुकी योजनाओं को पूरा करने के लिए विभाग प्राथमिकता से पहल करेगा. इसके लिए क्षेत्रीय योजना विभाग से सूची अप -टू-डेट विभाग मंगायेगा. उन योजनाओं के शीलापट्ट पर भी उस विधायक का नाम लिखने की सूचना है. बची अतिरिक्त राशि पर नये विधायक की सिफारिश लागू होगा. कार्य को धीमी गति को तेजी देने के लिए विभाग ने यह कदम उठाया है.पांच करोड़ की लागत से बना अनुमंडल अस्पताल, सुविधा नदारदविभाग नहीं ले रहा कोई रुचिफोटो. .07.अनुमंडल अस्पताल का भवन.महाराजगंज.अनुमंडल अस्पताल का दो मंजिला भवन पांच करोड़ रुपये की लागत से निर्मित है. ग्राउंड से लेकर दो मंजिला भवन तक स्ट्रैचर ले जाने के लिए रैंप की बना है. साधारण रोग के इलाज से लेकर आइसीयू तक की व्यवस्था मौजूद है. अस्पताल 72 बेड का है. बताते चलें कि एक अच्छे व्यवस्थित अस्पताल के लिए भवन का निर्माण सरकार द्वारा कराया गया. इसका उद्घाटन 13 जनवरी, 2012 को नीतीश कुमार द्वारा किया गया. अस्पताल को सुचारु रूप से चलाने के लिए सीवान के कई तत्कालिक डीएम द्वारा प्रयास भी किया जाता रहा. जनता की मांग पर सीवान के तत्कालीन डीएम ने भी अस्पताल को सुचारु करने के लिए कई बार प्रयास किया. विभाग को अनुमंडल अस्पताल में आपातसेवा शुरू करने का निर्देश भी दिया. मगर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दिन तक अस्पताल में आपातकाल सेवा दी. पुन: धीरे – धीरे आपात सेवा बंद कर दी गयी. अस्पताल में कुछ दिनों तक पांच डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा संभाली, अब केवल तीन डॉक्टर ही ओपीडी का कार्य संभाल रहे हैं. अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ सनत कुमार की मानें, तो अस्पताल को सुव्यवस्थित करने के लिए विभाग को लिखा गया, मगर विभाग द्वारा पत्र के ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
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आठ शक्षिक, 11 सौ छात्र, कैसे हो पढ़ाई
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