सीवान : शिवजी हत्याकांड के मुख्य आरोपित जीरादेई के विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की अग्रिम जमानत याचिका को सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह ने खारिज कर दिया.कोर्ट में आवेदन दायर होने के बाद शनिवार की सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
आंदर थाने के मुख्य बाजार में 18 वर्ष पूर्व सात जून, 1997 को घेराई गांव के शिवजी दूबे की हत्या के मामले में मुख्य आरोपित विधायक रमेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ जमानतीय वारंट सीजेएम कोर्ट ने जारी किया है. घटना में वादी की तरफ से तत्कालीन भाकपा माले नेता रमेश सिंह कुशवाहा को मुख्य आरोपित बनाया गया था. जांच में कोई साक्ष्य न मिलने पर अनुसंधानकर्ता ने रमेश सिंह कुशवाहा को निर्दोष दिखाते हुए आरोप पत्र दाखिल किया था.
हालांकि धारा 164 के बयान मेें 11 जून, 1997 को मृतक के भाई मंटू दूबे ने अपने बयान में रमेश कुशवाहा को आरोपित किया था. इसके बाद मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृतक के भाई मंटू दूबे ने सीजेएम कोर्ट में 20 अगस्त, 1997 में विरोध पत्र दाखिल किया, जिस पर 19 अक्तूबर को अभिलेख का अवलोकन व मुद्दई के अधिवक्ता इष्टदेव तिवारी की दलील तथा अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद सीजेएम ने रमेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ संज्ञान लिया,
जिस पर रमेश सिंह कुशवाहा के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया. शनिवार को जिला जज के न्यायालय में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. जिस पर सोमवार के लिए विधायक रमेश सिंह कुशवाहा ने आवेदन दिया, जिस पर बहस पूरी हो चुकी है. रविवार को अवकाश के चलते सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र सिंह ने याचिका को खारिज कर दिया. अब विधायक रमेश सिंह कुशवाहा अग्रिम जमानत के लिए हाइ कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे.