सीवान : अस्पतालों में एक तरफ चिकित्सकों की कमी है, तो दूसरी तरफ दवाओं की कमी का दंश झेल रहा है. सदर अस्पताल के ओपीडी में सामान्य विभाग में चिकित्सक समय से नहीं बैठ रहे हैं, जिससे रोजना मरीज बिना इलाज के ही लौट रहे हैं. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और निजी क्लिनिकों का सहारा लेना पड़ता है.
जिससे उनकी जेब पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है. विगत दो माह से सदर अस्पताल में शिशु रोग विभाग व दंत विभाग में ताला जड़ा है, क्योंकि चिकित्सकों की कमी होने के कारण इन विभागों के चिकित्सकों से सामान्य ओपीडी में ड्यूटी करायी जा रही है. मात्र 10 चिकित्सकों के भरोसे है अस्पताल : अभी अस्पताल में महिला व पुरुष चिकित्सक मिला कर लगभग 10 चिकित्सक ही है. इन्हीं के भरोसे सदर अस्पताल संचालित हो रहा है.
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों की क्या हालत होती होगी. अभी अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती करने की जरूरत है ताकि मरीजों का इलाज सही ढंग से हो सके. दवाओं की कमी का दंश झेल रहा अस्पताल : सदर अस्पताल में दवाओं के कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. चिकित्सक मरीजों को दवा तो लिख दे रहे हैं, लेकिन दवा उपलब्ध नहीं होने पर बाहर से खरीदनी पड़ रही है. इस समय सदर अस्पताल के ओपीडी में 33 की जगह 24 व इमरजेंसी में 112 की जगह 72 प्रकार की ही दवाएं उपलब्ध हैं. यह समस्या लगभग आठ माह से भी अधिक से उत्पन्न हुई है,
लेकिन इस समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जाने से इस अस्पताल में दवाएं अब तक उपलब्ध नहीं करायी जा सकीं. सदर अस्पताल में नहीं है एंटी रैबीज इंजेक्शन : सदर अस्पताल में लगभग नौ माह से एंटी रैबीज इंजेक्शन भी समाप्त हो गया है, जिससे रोजाना सैकड़ों मरीज अस्पताल से लौट रहे हैं. इसको लेकर कई बार मरीजों ने अस्पताल में हंगामा भी किया, लेकिन अस्पताल में आज तक इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो सका. शिशु व दंत विभाग पड़ा है बंद : सदर अस्पताल के ओपीडी भवन में शिशु व दंत विभाग बंद पड़ा है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने गत माह चिकित्सकों व कर्मियों का डिप्टेशन तोड़ दिया था.
उसी समय से सदर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी हो गयी और शिशु विभाग के चिकित्सकों को सामान्य ओपीडी व इमरजेंसी में लगा दिया गया है. इसी कारण ये दोनों विभाग बंद पड़े हुए हैं, जिससे शिशुओं के अभिभावकों को निजी क्लिनिक में जाना पड़ रहा है. सीसीटीवी कैमरा होने के बावजूद नहीं होती कार्रवाई :
सदर अस्पताल में तीसरी आंख की व्यवस्था के बाद भी समय से चिकित्सक नहीं बैठते हैं. अगर सीसी टीवी फुटेज देखा जाये, तो मालूम हो जायेगा कि कौन चिकित्सक समय से बैठते हैं या नहीं. इसके लिए विभाग को रोजाना इसकी समीक्षा करनी चाहिए. क्या कहते हैं अधिकारीसदर अस्पताल में दवाओं की कमी व चिकित्सकों की कमी को लेकर अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. दवाओं की खरीदारी जल्द कर ली जायेगी और चुनाव समाप्त होने के बाद आचार संहिता खत्म होते ही चिकित्सकों की तैनाती के लिए आगे की कार्रवाई की जायेगी ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो सके. डाॅ एमके आलम, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल सीवान.