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हिंसक आंदोलन के बीच छात्रों का नामांकन बाधित
विश्व विद्यालय द्वारा 25 फीसदी सीटों कीबढ़ोतरी के आलोक में होना था नामांकन सीवान : स्नातक में नामांकन से वंचित छात्रों के हिंसक आंदोलन के बीच शहर के डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दर्जनों छात्रों का नामांकन बाधित हो गया है. इन छात्रों का नामांकन स्नातक पार्ट वन में होना था, जिन्हें अब विश्व विद्यालय के […]
विश्व विद्यालय द्वारा 25 फीसदी सीटों कीबढ़ोतरी के आलोक में होना था नामांकन
सीवान : स्नातक में नामांकन से वंचित छात्रों के हिंसक आंदोलन के बीच शहर के डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दर्जनों छात्रों का नामांकन बाधित हो गया है.
इन छात्रों का नामांकन स्नातक पार्ट वन में होना था, जिन्हें अब विश्व विद्यालय के आदेश का इंतजार है. ये छात्र प्रतिदिन महाविद्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके हैं.
लेकिन महाविद्यालय प्रशासन विश्व विद्यालय के आदेश का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहा है.
इन वंचित छात्रों क नामांकन विश्व विद्यालय द्वारा 25 फीसदी सीटों के बढ़ोतरी के आलोक में होना था.
मालूम हो कि पिछले वर्ष विश्व विद्यालय द्वारा सारण कमिश्नरी में लगभग पांच दर्जन के करीब महाविद्यालयों में नामांकन पर रोक लगा देने के बाद इस वर्ष स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन को लेकर छात्रों को लोहे के चने चबाने पड़े थे.
इसको लेकर महाविद्यालयों में प्रतिदिन छात्रों का आंदोलन हो रहा था. इस बीच छात्रों के आंदोलन को हिंसक होने की स्थिति में विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा 25 फीसदी अतिरिक्त सीटों की बढ़ोतरी की गयी, जिसके आलोक में शहर के डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में लगभग दो सौ के करीब बढ़ी हुई सीटों पर नामांकन होना था.
विश्व विद्यालय के निर्देश के आलोक में नामांक न की प्रक्रिया को 31 जुलाई व एक अगस्त तक पूरा कर लेनी थी. इस बीच नामांकन से वंचित वैसे छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया, जिनका नाम दूसरी वरीयता सूची में नहीं आ सका. इससे छात्रों ने उग्र होकर महाविद्यालय में तोड़-फोड़ करने के साथ-साथ प्राचार्य के साथ हाथापाई भी की.
इसके बाद प्राचार्य डॉ अजय कुमार पंडित ने जिला सहित विश्व विद्यालय के वरीय पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित करते हुए महाविद्यालय को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया, जिसके बाद नामांकन का समय खत्म हो गया.
29 नामांकन ही हो सका
बढ़ी हुई सीटों के आधार पर महाविद्यालय में विभिन्न सीटों पर सिर्फ 29 छात्रों का ही नामांकन हो सका है, जबकि बढ़ी हुई सीटों के आधार पर लगभग दो सौ के करीब नामांकन होना है. अब देखने वाली बात है कि क्या विश्व विद्यालय प्रशासन नामांकन के लिए दुबारा आदेश कब देता है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन के लिए विश्व विद्यालय के आदेश का इंतजार है. पूर्व सूचना के आधार पर नामांकन कार्य को पूरा कर लिया गया है. बची हुईं सीटों पर बिना आदेश नामांकन संभव नहीं है.
डॉ अजय कुमार पंडित
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