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शिक्षा नहीं, सिर्फ सर्टिफिकेट

15 विषयों में मात्र अंगरेजी पढ़ाने के लिए ही हैं एकमात्र शिक्षक हाल जिले के अंगीभूत कॉलेज हरेराम महाविद्यालय मैरवा का प्रत्येक साल स्नातक प्रतिष्ठा के सभी विषयों में नामांकन लेते हैं छात्र सीवान : जिले के मैरवा स्थित अंगीभूत कॉलेज हरेराम महाविद्यालय मात्र एक विषय के एक शिक्षक के सहारे चल रहा है. गोपालगंज […]

15 विषयों में मात्र अंगरेजी पढ़ाने के लिए ही हैं एकमात्र शिक्षक
हाल जिले के अंगीभूत कॉलेज हरेराम महाविद्यालय मैरवा का
प्रत्येक साल स्नातक प्रतिष्ठा के सभी विषयों में नामांकन लेते हैं छात्र
सीवान : जिले के मैरवा स्थित अंगीभूत कॉलेज हरेराम महाविद्यालय मात्र एक विषय के एक शिक्षक के सहारे चल रहा है. गोपालगंज के एक शिक्षक दो दिन इस कॉलेज के छात्रों को जूलॉजी पढ़ाने के लिए आते हैं. यहां पर प्रत्येक साल करीब 15 विषयों में छात्र स्नातक प्रतिष्ठा में नामांकन लेते हैं. यह आश्चर्य का विषय है कि एक प्राचार्य और एक शिक्षक मिल कर इस कॉलेज को कैसे चला रहे हैं.
अगर ऐसी स्थिति है तो इस कॉलेज में विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षा देने की नहीं सिर्फ सर्टिफिकेट बांटने की व्यवस्था कर रखी है. कर्मचारी बताते हैं कि इस कॉलेज में नामांकन के बाद छात्र केवल परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए आते हैं. मैरवा विधान सभा क्षेत्र आरक्षित सीट है. इससे स्पष्ट है कि इस क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं होने से गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं.
इस क्षेत्र की छात्राओं ने कई क्षेत्रों में जिले का नाम किया रोशन : मैरवा विधान सभा क्षेत्र के एकमात्र अंगीभूत कॉलेज हरेराम कॉलेज में उच्च शिक्षा की लचर व्यवस्था होने के बावजूद इस क्षेत्र की छात्राओं ने खेल सहित अन्य क्षेत्रों में जिले का ही नहीं राज्य का नाम रोशन किया है.
फुटबॉल के क्षेत्र में इस क्षेत्र की छात्राओं ने जिले का नाम रोशन किया है. कई छात्राओं का चयन नेशनल अंडर 16 महिला फुटबॉल टीम में हुआ. मैरवा की छात्र अमृता नेशनल फुटबॉल अंडर 16 का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी है. गुठनी की छात्र सृष्टि सिंह ने 2010 के राष्ट्रमंडल खेल के भारोत्तोलन प्रतियोगिता में शामिल होकर जिले का नाम रोशन किया है.
इस जिले के जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि लचर उच्च शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने में सकारात्मक पहल करें. इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं होने के कारण ही छात्र दूसरे जिले या उत्तर प्रदेश शिक्षा ग्रहण करने के लिए चले जाते हैं.गरीब परिवार के छात्र या तो इसी लचर व्यवस्था में पढ़ते हैं या पढ़ाई ही छोड़ देते हैं.
क्या कहते हैं प्राचार्य
15 विषयों में मात्र एक विषय अंगरेजी में एक स्थायी शिक्षक हैं. जूलॉजी विषय में पढ़ाने के लिए एक शिक्षक गोपालगंज से दो दिन मैरवा आते हैं. अन्य विषयों में शिक्षक नहीं होने के कारण छात्रों को पढ़ाने में परेशानी होती है.परीक्षा के समय में प्रायोगिक परीक्षा की कॉपियों की दूसरे कॉलेजों से शिक्षकों को बुला कर जांच करायी जाती है.
शंभु कुमार
विषयवार शिक्षकों की स्थिति
विषय शिक्षक
फिजिक्स 00
केमेस्ट्री 00
मैथ 00
इंगलिश 01
संस्कृत 00
उदू 00
मनोविज्ञान 00
दर्शन शास्त्र 00
राजनीतिक विज्ञान 00
भूगोल 00
अर्थशास्त्र 00
इतिहास 00
हिंदी 00
बॉटनी 00
जूलॉजी 00

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