सीवान. शराब कारोबार में बिहार व यूपी में दबदबा बनाये रखनेवाले टुन जी पांडे राजनीति की पिच पर भी खिलाड़ी साबित हुए.एक वर्ष के राजनीतिक सफर में ही दो बार एमएलसी बनने का कीर्तिमान बना कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जहां मात दी, है, वहीं राजनीतिक महारथियों को भी चौंका दिया.जिले के दरौली प्रखंड के बेलांव पंचायत के नेतवार निवासी स्व राधेश्याम पांडे के चार पुत्र व एक पुत्री में सबसे बड़े सदस्य टुन जी पांडे का संघर्ष भरा सफर रहा है. फर्श से अर्श तक का सफर तय करनेवाले टुन जी ने अपने संघर्ष के बदौलत शराब के कारोबार में मुकाम हासिल किया. इसी दौरान टुन जी के मुताबिक तत्कालीन डीआइजी आलोक कुमार ने रंगदारी के रूप में 50 लाख रुपये की मांग की. इसकी शिकायत टुन जी ने तत्कालीन डीजीपी अभयानंद से की तथा इसका साक्ष्य भी पेश किया.जांच के दौरान आरोप सही पाये जाने पर डीआइजी को निलंबित करते हुए उन पर रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया.इस घटना के बाद टुन जी चर्चा में आये तथा उनका सामाजिक व राजनीतिक रुझान बढ़ा. पहली बार डेढ़ वर्ष पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव व विधायक विक्रम कुंवर की अपील पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.इसके साथ ही अगस्त, 2014 में एमएलसी के उपचुनाव में बीजेपी से टुन जी जीते. एक बार फिर पार्टी ने उम्मीदवार बनाया और उन्होंने अपनी जीत को बरकरार रखा.
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तत्कालीन डीआइजी को निलंबित कराने के दौरान चर्चा में आये टुन जी
सीवान. शराब कारोबार में बिहार व यूपी में दबदबा बनाये रखनेवाले टुन जी पांडे राजनीति की पिच पर भी खिलाड़ी साबित हुए.एक वर्ष के राजनीतिक सफर में ही दो बार एमएलसी बनने का कीर्तिमान बना कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जहां मात दी, है, वहीं राजनीतिक महारथियों को भी चौंका दिया.जिले के दरौली प्रखंड के बेलांव […]
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