चार को आजीवन करावास
सीवान: तृतीय त्वरित न्यायाधीश ओम प्रकाश सिंह (न.2) के न्यायालय ने मुखिया सहित तीन अन्य की हत्या के आरोप में चार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. सहायक लोक अभियोजक ललन सिंह(न.1) ने बताया कि 9.5.1986 को आसांव थाना क्षेत्र के पचबेनिया पोखरा पर मल्लाहों द्वारा मछली मारने का विरोध करने गये तत्कालीन मुखिया प्रदोषनाथ राय, गोरखनाथ राय, शैलेंद्र राय और परीक्षण कोहार की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.
इस गोलीकांड में मुंद्रिका भगत, विजय सिंह, नग नारायण राय और दिलीप सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. कशिला निवासी नग नारायण राय ने इस घटना की प्राथमिकी आसांव थाने में दर्ज कराया था. इसी मामले का विचारण करते हुए न्यायालय ने हरेंद्र मल्लाह, श्री किशुन मल्लाह, विद्या सागर मल्लाह और महासागर मल्लाह को भादवि की धारा 302/34 में दोषी पाकर आजीवन कारावास तथा 20-20 रुपये जुर्माना एवं शस्त्र अधिनियम की धारा 27 में दोषी पाकर 5-5 वर्ष तथा 5-5 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाया. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में सजा अवधि 2-2 वर्ष बढ़ा दी जायेगी. न्यायालय ने जुर्माना राशि मृतकों के परिजनों को भुगतान करने का आदेश दिया है. इस मामले में बचाव पक्ष से अधिवक्ता मन्नान अहमद ने तथा अभियोजन पक्ष से ललन सिंह (न.1) से बहस की थी.
सजा के लिए जायेंगे हाइकोर्ट
मुखिया प्रदोषनाथ राय की हत्या के मामले में न्यायालय द्वारा सुनाये गये फैसले पर मृतक के परिजनों ने संतोष जताया है, लेकिन प्रदोष नाथ राय के भतीजा और कशिला पंचायत के वर्तमान मुखिया दिलीप कुमार सिंह के भाई जटाशंकर सिंह ने अन्य हत्यारोपित जो छूट गये हैं, उन्हें भी सजा दिलाने को ठान लिया है. उनका कहना है कि उन्हें संदेह का लाभ लेते हुए छोड़ दिया गया है. हम सभी उच्च न्यायालय में इस फैसले के विरोध में अपील करेंगे.