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नहीं जमा की रोगी कल्याण की राशि

नियोक्ता कंपनी द्वारा कर्मियों को मानदेय नहीं मिलने के कारण इन कर्मियों ने रोगी कल्याण के पैसे अपने वेतन मद में खर्च कर लिये.ये राशि मरीजों से लिए जाने वाले दो रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क से जमा होती है. इस राशि को उसी दिन एकाउंटेंट के पास जमा करना है, पर ऐसा नहीं किया गया. […]

नियोक्ता कंपनी द्वारा कर्मियों को मानदेय नहीं मिलने के कारण इन कर्मियों ने रोगी कल्याण के पैसे अपने वेतन मद में खर्च कर लिये.ये राशि मरीजों से लिए जाने वाले दो रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क से जमा होती है. इस राशि को उसी दिन एकाउंटेंट के पास जमा करना है, पर ऐसा नहीं किया गया. जब इसका खुलासा हुआ,तो अस्पताल प्रबंधक ने सभी कर्मचारियों को 21 मार्च तक हर हाल में बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया,लेकिन एक-दो को छोड़ किसी ने किसी ने पैसे जमा नहीं किये.

सीवान :सदर अस्पताल के मरीजों के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर के कर्मचारी ‘माल महाराज का मिर्जा खेले होरी’ कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. रजिस्ट्रेशन के मद में मिलनेवाली धनराशि रोगी कल्याण समिति की होती है, जबकि हाल यह है कि पिछले पांच माह से जमा हुए रोगी कल्याण समिति के बजट को कर्मचारियों के मानदेय पर खर्च किया जा रहा है. हाल यह है कि एक-दो कर्मचारियों को छोड़ कर किसी ने भी नवंबर माह से उस राशि को रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा नहीं किया है.

नियमानुसार मरीजों से लिए जाने वाले दो रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क कर्मचारियों को उसी दिन ही एकाउंटेंट के पास जमा कर पावती ले लेनी है, लेकिन सरकारी राशि खाते में जमा हुई है या नहीं, विभाग के किसी अधिकारी को कुछ लेना-देना नहीं है.

मानदेय नहीं मिलने पर खर्च कर डाली धनराशि : कर्मचारियों का कहना है कि इन्फोटेक कंपनी ने उन्हें सदर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर काम करने के लिए रखा है, लेकिन कंपनी को जिला स्वास्थ्य समिति से पैसे नहीं मिलने के कारण कंपनी करीब आठ माह से मानदेय नहीं दे रही है. कंपनी द्वारा मानदेय नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों ने मरीजों से मिलने वाले दो रुपये की राशि को करीब पांच माह से जमा नहीं कर अपना काम कर रहे हैं. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि सरकारी राशि को कोई भी कर्मचारी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में खर्च नहीं कर सकता है. यह किसके आदेश से हुआ, जांच का विषय है.

मरीजों के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तो आये दिन मरीजों से कर्मचारियों द्वारा दो रुपये से अधिक पैसे लेने की शिकायत मिलती रही है. इस संबंध में जांच तो हुई तथा कर्मचारी दोषी भी पाये गये, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. नवंबर माह से पैसे जमा नहीं होने का मामला करीब एक सप्ताह पहले प्रकाश में आया, तो अस्पताल प्रबंधक ने सभी कर्मचारियों को 21 मार्च तक हर हाल में बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया, लेकिन एक-दो को छोड़ कर किसी ने पैसे जमा नहीं किये.

घसदर अस्पताल के एकाउंटेंट शत्रुघ्न ठाकुर का कहना है कि अक्तूबर, 2014 तक सभी कर्मचारियों ने ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर का पैसे जमा किया है. नवंबर से लेकर अभी तक एक को छोड़ कर किसी ने भी जमा नहीं किया है. कर्मचारियों द्वारा पैसे नहीं जमा किया जा रहा है. इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दे दी गयी है.

क्या कहते हैं अधिकारी

रोगी कल्याण समिति का बजट गैर मद में खर्च करने की सूचना मेरे संज्ञान में नहीं है. इसे संज्ञान में लेकर विभागीय कार्रवाई होगी.

डॉ अनिल कुमार चौधरी, सिविल सजर्न, सीवान

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