सीवान : शिक्षा ही नैतिक मूल्यों का आधार है और इस के बगैर सार्थकजीवन की कल्पना करना संभव नहीं है. शास्त्रों में कहा गया है कि विद्या विहीन मनुष्य पशु के समान होता है. यह पंक्ति आज के जमाने में तो क्या प्राचीन काल से भी सत्य प्रतीत होती है.
शिक्षा प्रदान करने या ग्रहण करने में सबसे अमूल्य योगदान शिक्षक का होता है. ये बातें बुधवार को सेवानिवृत्त हुए गया दास कबीर उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक सह माध्यमिक शिक्षक संघ इकाई सीवान के अध्यक्ष बागिंद्रनाथ पाठक के विदाई समारोह के अवसर पर प्रबंध समिति के सदस्य व मुख्य अतिथि महंत गया दास ने कहीं. उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में युवाओं का हाथ होता है और युवाओं के निर्माण में शिक्षकों का हाथ होता है.
उन्होंने कहा कि भारत में गुरु का दरजा भगवान से भी ऊपर बताया गया है, जो शास्वत सत्य है. विदाई समारोह की अध्यक्षता कर रहे राजवंशी देवी बालिका उच्च विद्यालय के पूर्व प्राचार्य सुशीला पांडेय ने कहा कि शिक्षक कभी भी सेवानिवृत्त नहीं होते. समारोह की शुरुआत उपस्थित आगंतुकों द्वारा श्री पाठक को माल्यार्पण कर की गयी. तत्पश्चात विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गान गा कर उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन दारोगा सिंह ने किया.
इस मौके पर परम हंस मिश्र,चंद्रभान तिवारी, श्रीमती उर्मिला देवी, आनंद प्रकाश मिश्र,चंद्रमा सिंह, गिरिश मिश्र, वासुदेव राय, सुरेन्द्र पाठक व रामजी सिंह सहित दर्जनों छात्र व छात्राओं ने उनके सुखद व स्वस्थ भविष्य की कामना की. वहीं राजकीय मध्य विद्यालय कचहरी सीवान की प्रधानाध्यापिका कृष्णा कुमारी सिन्हा का भी विदाई समारोह का आयोजन विद्यालय प्रांगण में किया गया.
अध्यक्षता शिवशंकर मिश्र ने की. इस मौके पर विद्यालय की छात्र जूही, राधा, मुस्कान, अलका व रंजना द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया. इस मौके पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शिवशंकर चौधरी, फणिंद्र मोहन सिन्हा, जावेद अख्तर, गौरीशंकर द्विवेदी,सुषमा सिन्हा,संगीता सिन्हा, यमुना, रेयाज, कुमारी रितिका सिन्हा सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
* गया दास कबीर उच्च मध्य विद्यालय व राजवंशी देवी बालिका उच्च विद्यालय में हुआ विदाई समारोह
* विद्या विहीन मनुष्य पशु के समान होता है
* प्रधानाध्यापक व प्रधानाध्यापिका को दी गयी विदाई