हसनपुरा : मॉनसून ने दगा दे दिया है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है. उन्हें बस यही चिंता सताये जा रही है कि कैसे धान की रोपनी व सिंचाई होगी. रही सही कसर क्षेत्र से गुजर रही नहर ने पूरी कर दी. पिछले 10 वर्षों की तरह इस वर्ष भी नहर में पानी नहीं आया. बता दें कि शुरू में मॅनसून ने जब दस्तक दी थी , तो किसानों के चेहरे खिल उठे थे. सभी धान का बिचड़ा डालने में जुट गये. जब बिचड़ा रोपने के लायक हुआ तो मॉनसून ने दगा देना शुरू कर दिया.
कुछ प्रखंडों में किसान निजी संसाधनों से धान की रोपनी कर रहे हैं, तो वहीं कई प्रखंडों के किसान इंद्र भगवान की तरफ टकटकी लगाये हैं, लेकिन मॉनसून ने दगा दे दिया. वहीं जो किसान धान रोप चुके हैं और जो रोपने की तैयारी कर रहे है वे सोच रहे हैं कि अब क्या होगा. मॉनसून की बेरूखी से उनके चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही है. अभी तक मुसलधार बारिश भी नहीं हुई, मजबूरन किसान रोपे हुए धान व डाले गये बिचड़े की सिंचाई निजी साधनों से कर रहे है.
सबसे खास बात तो यह है कि प्रखंड के मितवार गांव होते हुए उसरी बुजुर्ग, निजामपुर, खोजपुर की ओर से आने वाली नहर में पिछले 10 वर्षों की तरह इस वर्ष भी पानी नहीं आया. इधर नहर में पानी नहीं आने के चलते गायघाट, भिखपुर भगवानपुर, कन्हौली, उसरी बुजुर्ग, मझरिया, रामपुर, खाजेपुर, सरैया, निजामपुर आदि दर्जनों गांवों के किसान परेशान हैं.
बावजूद इसके विभागीय पदाधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में खेतों में लगी फसल की समय से सिंचाई नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ रही हैं.