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मैथ फोबिया को नहीं होने दें हावी इच्छा शक्ति को रखें मजबूत

सीवान : जैसे-जैसे मैट्रिक की परीक्षा का समय नजदीक आ रहा है, छात्र-छात्राओं में गणित विषय को लेकर डर घर करने लगा है. छात्र-छात्राएं गणित विषय में परीक्षा का भूत (मैथ फोबिया) सवार होने के कारण औसतन अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाते हैं. ऐसे में इच्छा शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता होती है. […]

सीवान : जैसे-जैसे मैट्रिक की परीक्षा का समय नजदीक आ रहा है, छात्र-छात्राओं में गणित विषय को लेकर डर घर करने लगा है. छात्र-छात्राएं गणित विषय में परीक्षा का भूत (मैथ फोबिया) सवार होने के कारण औसतन अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाते हैं.
ऐसे में इच्छा शक्ति को मजबूत करने की आवश्यकता होती है. इंटर की परीक्षा की समय सारणी घोषित होने के साथ ही ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि मैट्रिक की परीक्षा भी जल्द ही होगी.
ऐसे में कम समय में अधिक-से-अधिक अंक प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं को क्या करने की जरूरत है, आज इस विषय पर चर्चा की जा रही हैं.
शहर के आर्य कन्या उच्च विद्यालय में कार्यरत विज्ञान के शिक्षक सह एनसीइआरटी भुवनेश्वर के कैरियर काउंसलर युगल किशोर दूबे का मानना है कि अब जबकि परीक्षा होने में कुछ ही माह बाकी हैं, छात्र-छात्राओं को गणित विषय की तैयारी में जुट जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि गणित के सभी सूत्रों को कं ठस्थ करने के साथ ही बेसिक कंसेप्ट की जानकारी जरूरी है.
तीन साल पूर्व के प्रश्नपत्रों को ध्यान पूर्वक हल करने की जरूरत है. साथ ही वस्तुनिष्ठ, अति लघु एवं लघु उत्तरीय प्रश्नों को बार-बार ध्यान से पढ़ने की जरूरत है.
इन तथ्यों पर दें ध्यान : गणित में अच्छे अंक लाने के लिए उसके प्रश्नपत्र के प्रारूप को समझने की जरूरत है. अंकों के विभाजन पर ध्यान दिया जाये तो बीज गणित, रेखा गणित व त्रिकोणमिति से 20-20 अंक, संख्या पद्धति, क्षेत्रमिति, निर्देशांक ज्यामिति व सांख्यिकी एवं प्रायिकता से 10-10 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं.
अत: प्रश्न पत्र के प्रारूप के अनुसार छात्रों को तैयारी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. श्री दूबे का मानना है कि यदि छात्रों को सूत्र क्लियर हो जाये, तो प्रश्नों को हल करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि रेखा गणित में साध्यों व उपसाध्यों का अध्ययन आवश्यक रूप से कर लें.
परीक्षा भवन में इन बातों का रखें ध्यान : प्रश्न पत्र मिलने के पहले परीक्षार्थियों को घबराना नहीं चाहिए. प्रश्नपत्र मिलने के बाद प्रश्नों को भली-भांति ठीक ढंग से दो बार अवश्य पढ़ना चाहिए. इसके लिए बोर्ड द्वारा आपको 15 मिनट का अतिरिक्त समय भी मिलता है.
गणित विषय के 100 अंकों के प्रश्न पत्र में कुल लगभग 47 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनमें 20 प्रश्न एक-एक नंबर के, 11 प्रश्न दो- दो नंबर के, 11 सवाल तीन-तीन नंबर के व अंतिम पांच प्रश्न पांच-पांच अंक के होते हैं. परीक्षार्थियों को प्रश्न हल करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का हल एक ही जगह करें. इसी तरह अन्य अंक वाले प्रश्नों का भी ध्यान रखने का प्रयास करें. इन सबके बावजूद जिस प्रश्न का हल पहले आता हो, उन्हें पहले करने का प्रयास करना चाहिए.

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