गोरेयाकोठी : प्रखंड मुख्यालय में लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2008-09 में जलमीनार का निर्माण हुआ था. परंतु दशक करीब आते आते उसकी स्थिति खराब होने लगी. हालात यह है कि पानी सप्लाई के लिए लगे पाइप की स्थिति जर्जर होने लगी है, और पानी की बर्बादी जारी है. इससे जहां सड़कों पर पानी बह रहा है, वहीं राहगीरों व स्कूली छात्रों को परेशानी हो रही है. इधर गर्मी के मौसम शुरू होने के बाद भी विभाग सुस्त पड़ा हुआ है. कई स्थानों पर प्रखंड मुख्यालय में पाइप लीकेज हो चूके है.
जिससे पानी सड़क पर बह रहा है. इससे प्रतिदिन राहगीरों व स्कूली छात्रों को परेशानी हो रही है. पीएचइडी को शिकायत कर लोग थक चुके है. लेकिन अभी तक पाइपों की मरम्मत नहीं हो सका है. यहीं नहीं स्थानीय प्रशासन भी सूध नहीं ले रहा है. इधर मुख्यमंत्री ने इस योजना को अपने सात निश्चय में शामिल कर हर घरों तक पानी पहुंचाने का भी निर्णय ले रखा है. बावजूद इसके लोगों के घरों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है.
जलमीनार में पानी चढ़ाने के लिए मोटर चालू हालत में हैं और जलमीनार से पानी लोगों के घरों में सप्लाई करने की भी सारी व्यवस्था है. लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. विभाग खराब पाइप को बदलने की दिशा में अब तक कोई पहल कर पाया है. ऐसे में पेयजल सप्लाई की व्यवस्था होने के बाद भी गोरेयाकोठी बाजार के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. लोगों को प्यास बोतलबंद पानी खरीदकर या चापाकल से बुझानी पड़ रही है. वहीं बाजार आने वाले लोगों को प्रतिदिन पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है. लोगों का कहना है कि देख रेख के अभाव में पीने का पानी सरेआम सड़क पर बह रहा है. ऐसी स्थित काफी दिनों से बनी हुई है. अब तो कभी कभार ही सप्लाई का पानी चालू किया जाता है.