लापरवाही. नियमित चिकित्सक भी दस बजे तक ओपीडी से रहे नदारद, बढ़ी मुश्कि
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संविदाकर्मियों की हड़ताल, मरीज रहे हलकान
लापरवाही. नियमित चिकित्सक भी दस बजे तक ओपीडी से रहे नदारद, बढ़ी मुश्कि सीवान : स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी एक दिन के सांकेतिक धरना पर क्या गये सदर अस्पताल के डॉक्टरों की मौज हो गयी. धरना को लेकर सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा ने ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों के पंजीकरण के लिए […]
सीवान : स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी एक दिन के सांकेतिक धरना पर क्या गये सदर अस्पताल के डॉक्टरों की मौज हो गयी. धरना को लेकर सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा ने ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों के पंजीकरण के लिए नियमित स्वास्थ्यकर्मियों को लगा दिया था. स्वाथ्यकर्मी समय से आ गये तथा मरीजों का रजिस्ट्रेशन पर शुरू कर दिया.
लेकिन सामान्य ओपीडी को छोड़कर किसी भी ओपीडी में डॉक्टर करीब दस बजे तक नहीं आये. सामान्य ओपीडी के डॉक्टर करीब नौ बजे आये, लेकिन 15 मरीजों को देखने के बाद वह भी गायब हो गये. धरना को लेकर विभाग के अधिकारी पूरी तरह से लापरवाह दिखे. कोई ऐसा अधिकारी या कर्मचारी नहीं दिखा जो व्यवस्था को देख रहा हो. कौन आया या कौन नहीं आया,
सब भगवान भरोसे था. मामले का जब प्रभात खबर द्वारा पड़ताल की गयी तो सीएस को 9.40 बजे फोन कर जानकारी दी तो करीब 20 मिनट में परिसर में उपाधीक्षक डॉ एमके आलम, महिला डॉक्टर मिताली एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ इसरायल परिसर में टहलते दिखायी दिये.
शिशु रोग विभाग में डॉक्टर की जगह बैठा था बाहरी व्यक्ति
मंगलवार को करीब दस बजे जहां नेत्र, आर्थो, ईएनटी, दांत व महिला ओपीडी खाली था. वहीं शिशु विभाग के ओपीडी में एक बाहरी व्यक्ति डॉक्टर की कुर्सी पर बैठा था. डॉक्टर की कुर्सी पर बैठने वाला व्यक्ति कौन है तथा मरीजों का इलाज कौन करेगा? इसको देखने वाला कोई नहीं था. आर्थो के ओपीडी के बाहर सुबह से हीं महिलाएं रजिस्ट्रेशन कराकर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही थी.
दांत व ईएनटी के ओपीडी की भी बहरहाल यही स्थिति थी. आंख के ओपीडी का कर्मचारी कक्ष खोलकर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहा था. टीकाकरण कक्ष में करीब दस बजे बच्चों को अभी टीके देने की तैयारी चल रही थी. ओपीडी चालू नहीं होने के कारण दवा काउंटर पर एक भी मरीज दिखायी नहीं दे रहे थे.
दस बजे तक डॉक्टर के नहीं आने से परेशान दिखीं महिलाएं
सदर अस्पताल के महिला ओपीडी के बाहर डॉक्टर से दिखाने के लिए कतार में खड़ी महिला मरीजों में कई मरीज आपात कालीन परिस्थिति वाली मरीज भी थी. महिला मरीजों ने बताया कि सुबह आठ बजे जब काउंटर खुला तब से रजिस्ट्रेशन कराकर कतार में डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही है. महिला मरीजों ने बताया कि कर्मचारी आज सभी लोग धरने पर हैं. डॉक्टर के आने की कम उम्मीद है. सदर अस्पताल में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी एवं आपातकालीन महिलाओं के इलाज के लिए एक ही डॉक्टर की ड्यूटी लगती है. अगर बीच में कोई सिजेरियन करना हुआ तो वह भी काम करना पड़ता है. आपातकालीन एंव सिजेरियन के लिए अलग डॉक्टर की ड्यूटी नहीं होने से ओपीडी में दिखाने आने वाली महिलाओं को परेशानी होती है. कभी-कभी तो दिन भर इंतजार के बाद वापस बिना दिखाएं घर लौट जाती हैं.
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