सीवान : सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण के दौरान इन्फेक्शन की आशंका और बच्चों में सूई का डर भूल जाइए. अब आप आधुनिक सुविधाओं के साथ खुशनुमा माहौल में टीकाकरण करा सकेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल के टीकाकरण केंद्र को आधुनिक सुविधाओं से युक्त मॉडल टीकाकरण केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
जिले में पूर्ण प्रतिरक्षण की उपलब्धियों एवं टीकाकरण कार्य के अच्छे गुणवत्तापूर्ण कार्य को देखते हुए राज्य के 38 जिलों में पांच जिलों के टीकाकरण केंद्र को मॉडल टीकाकरण के रूप में विकसित करने एवं आधुनिक संसाधनों से लैस करने का निर्णय स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार द्वारा लिया गया है. इसमें सीवान सदर अस्पताल भी शामिल है. इसके लिए विभाग द्वारा नामित इंजीनियरों के एक दल ने रविवार को सीवान पहुंच कर स्थल का चयन कर लिया है. सदर अस्पताल के ओपीडी की दूसरी मंजिल की उत्तर दिशा वाले बड़े कमरे का चयन किया गया है.
वातानुकूलित कक्ष में बच्चों को खेलने की होगी सुविधा : मॉडल टीकाकरण केंद्र को कॉरपोरेट के तर्ज पर बनाया जायेगा. यूनिसेफ के सहयोग से बनने वाले इस मॉडल टीकाकरण केंद्र में बच्चे खुशनुमा माहौल में नौ प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव करने के टीके ले सकेंगे. टीकाकरण केंद्र पर बच्चों को खेलने के लिए खिलौने उपलब्ध रहेंगे. बच्चों को टीका दिलवाने आनेवाले परिवार के सदस्यों को बैठने की भी समुचित व्यवस्था होगी. टीका केंद्र में पूर्ण रूप से प्रशिक्षित ए ग्रेड नर्स स्टाफ द्वारा बच्चों को टीके लगाये जायेंगे. वर्तमान में जिले में प्रतिरक्षण की दर 88 प्रतिशत है.
इसे और बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक प्रखंड में जन्म से दो साल के बच्चों का सर्वे एवं लाभार्थी बच्चों का ड्यू लिस्ट बनाये जाने का कार्य डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ तथा केयर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है. जिला स्तर पर जिलाधिकारी और सिविल सर्जन द्वारा लगातार समीक्षा की जा रही है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा कि इस प्रकार के टीकाकरण केंद्र खुलने से लोगों का टीकाकरण के प्रति और रुझान बढ़ेगा. एक आंकड़े के अनुसार करीब 15 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण निजी संस्थानों में होता है.