सीवान : जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के करबला बाजार में हुई हिंसक झड़प, आगजनी, दुकानों में तोड़फोड़ आदि घटनाएं महज संयोग थी या सोची -समझी साजिश का हिस्सा थी. इस पर सस्पेंस बना हुआ है. करबला बाजार के वासियों व प्रत्यक्षदर्शियों की मानें, तो बड़हरिया के ताजिया जुलूस के बड़हरिया से कोइरीगांवा गांव से गुजरने के क्रम में विवाद होने के बाद पथराव हुआ था. प्रशासन का मानना है कि पथराव की खबर जैसे ही करबला मेले में पहुंची थी,
तो मेले में पहुंचे ताजिये के जुलूस में शामिल सभी लोगों के बजाय कुछ खास लोगों ने ही कोईरीगांवा गांव की ओर प्रतिशोध की भावना के साथ आकर तोड़फोड़ की थी. यूं कहें कि उस वक्त भी यह दो गांवों के बीच का ही मामला प्रतीत हुआ था. वक्त गुजरने के साथ ही यह पिपराही तक पहुंच गया. स्थानीय प्रशासन का कहना है कि कोईरीगांवा व लौवान के कुछ लोगों के वर्चस्व की लड़ाई को दो पक्षों की लड़ाई का रूप देने का प्रयास किया गया. इस योजना में उपद्रवियों को काफी हद तक सफलता भी मिली.
यदि स्थानीय लोगों ने समय रहते मामले को नहीं भांप लिया होता, तो यह मामला और वीभत्स रूप ले लेता. प्रशासन ने इसे दो पक्षों के बीच का मामला होने से बचा लिया. जानकार इसे दो गांवों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा मान रहे हैं.