राजदेव हत्याकांड. स्टेशन रोड फलमंडी के समीप हुई थी हत्या
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12वें दिन पुलिस ने कर दिया था खुलासा
राजदेव हत्याकांड. स्टेशन रोड फलमंडी के समीप हुई थी हत्या 13 मई, 2016 की शाम अपराधियों ने दिया था घटना को अंजाम सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या 13 मई, 2016 की शाम अपने कार्यालय से घर लौटते समय स्टेशन रोड़ में फलमंडी के समीप बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार कर दी थी. […]
13 मई, 2016 की शाम अपराधियों ने दिया था घटना को अंजाम
सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या 13 मई, 2016 की शाम अपने कार्यालय से घर लौटते समय स्टेशन रोड़ में फलमंडी के समीप बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार कर दी थी. इस हत्याकांड के 12 दिन बाद 26 मई, 2016 को पुलिस को बड़ी सफलता मिली थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया था. इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पत्रकार को गोली मारनेवाले मुख्य शूटर रोहित समेत इस वारदात में शामिल पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था. मुख्य शूटर रोहित ने हत्या करने की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि उसने ही राजदेव को गोली मारी थी.
लड्डन मियां ने ही पत्रकार की हत्या के लिए सुपारी दी थी. लड्डन के कहने पर ही गोली मारी गयी थी. पिस्टल और तीन बाइक भी बरामद हुई थी. उनके पास से घटना में इस्तेमाल किया गया हथियार और तीन मोटरसाइकिलें भी बरामद कर ली गयी थीं. गिरफ्तार विजय कुमार के चचेरे भाई सोनू के घर से बोरे के नीचे छिपा कर रखी 7.65 बोर की देसी पिस्टल व दो कारतूस बरामद हुयी.बाद में फॉरेंसिक जांच से स्पष्ट हुआ कि इसी पिस्टल से पत्रकार की हत्या की गयी थी. बरामद बाइक पर मिले खून के धब्बे राजदेव के ही थे.
ऐसे घटना को दिया था अंजाम
तीन बाइकों पर पांच-छह आरोपित पत्रकार राजदेव पर नजर बनाये हुए थे. एक बाइक पर लाइनर था, जो आगे चल रहा था. वह अकेला था. इसकी गिरफ्तारी अभी नहीं हो सकी है. दो अन्य बाइकों में एक पर रोहित कुमार व राजेश कुमार बैठे थे. दूसरी बाइक पर विजय कुमार व रिशु कुमार थे. शाम में जब राजदेव रंजन अपने कार्यालय से निकले, तभी बबुनिया मोड़ से ही इन अपराधियों ने उनका पीछा शुरू किया. बबुनिया रोड से स्टेशन की तरफ मुड़नेवाले तिराहे से दोनों बाइकों पर सवार अपराधी राजदेव के पीछे-पीछे चलने लगे.
जैसे ये फलमंडी के पास पहुंचे, रोहित ने पिस्टल निकाल कर फायरिंग की. चार गोलियां राजदेव के शरीर में उतारने के बाद उनके पास जाकर सिर के बीच में अंतिम गोली दाग दी. इसके बाद सभी हत्यारे आंदर ढाला ओवरब्रिज के नीचे से होते हुए फरार हो गये. बाद में रोहित को लेकर विजय शुक्ल टोली स्थित घर चला गया, जहां विजय के चचेरे भाई सोनू पर दबाव बनाते हुए उसके निर्माणाधीन मकान में पिस्टल को छिपा कर वहां से भी सभी फरार हो गये.
अपराधियों का नहीं था पुराना इतिहास
गिरफ्तार पांचों आरोपित सीवान जिले के ही रहनेवाले हैं और वारदात को अंजाम देने के बाद ये इतने दिनों से यहीं छिपे हुए थे. रोहित कुमार सीवान नगर थाने के मलेशरी चौक निवासी है. इसके अलावा राजेश कुमार (बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो निवासी), विशु कुमार (बड़ी पंचमंदिरा मोहल्ला निवासी), विजय कुमार व सोनू गुप्ता (दोनों शुक्ल टोली के रहनेवाले) हैं. पांचों आरोपितों की उम्र 20 से 25 साल के बीच है. किसी का कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं है. किसी पर कभी कोई अपराध या घटना को अंजाम देने की किसी तरह की सूचना पुलिस के पास नहीं थी.
लड्डन ने इनका प्रयोग इस लिए किया था कि अासानी से हत्याकांड का खुलासा नहीं हो सके.
शुरू से ही आशा शहाबुद्दीन के इशारे पर हत्या करने की कह रही थीं बात
सीवान : पत्रकार राजदेव हत्याकांड में शामिल पांच अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि नगर थाने के रामनगर निवासी अजहरूद्दीन बेग उर्फ लडन मियां ने पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या की सुपारी दी थी और उसने ही हत्या में प्रयुक्त पिस्टल भी उपलब्ध करायी थी. इसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए अहम थी. इसके बाद लड्डन ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.
बाद में पुलिस के रिमांड पर उसने अपना मुंह नहीं खोला. लेकिन शहाबुद्दीन के करीबी लड्डन मियां का नाम सामने आते ही उनकी ओर अंगुली उठने लगी थी. राजदेव की पत्नी आशा रंजन शुरू से ही पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के इशारे पर हत्या की बात कर रही थीं.
सीबीआइ के सामने था प्रश्न, लड्डन के आगे कौन
पत्रकार राजदेव हत्याकांड का सीवान पुलिस ने खुलासा कर दिया था और इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हो गयी थी. साथ ही लड्डन मियां ने ही हत्या को अंजाम दिलवाया था, लेकिन लड्डन ने आखिर किसके कहने पर इस हत्याकांड को अंजाम दिलाया. यह खुलासा
सीबीआइ को करना था. सितंबर 2016 में राजदेव हत्याकांड के जांच के गति तेज हुई और सीबीआइ टीम द्वारा सीवान पहुंच कर जांच में जुट गयी. इस मामले में सीबीआइ ने सीवान के पुलिस की जांच को ही आगे बढ़ाया. इस मामले में शांतिवट वृक्ष के सोनू का नाम शामिल हुआ.
जो हत्यारों के साथ मौजूद था.
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