रघुनाथपुर : रघुनाथपुर के नरहन स्थित सरयू नदी के जल स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. इसमें नरहन गांव के तटवर्ती इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब कर बरबाद हो गयी. नदी का जल स्तर बड़ी तेजी से बढ़ा है पर नरहन क्षेत्र अभी खतरे से दूर है. हालांकि स्थानीय प्रशासन ने […]
रघुनाथपुर : रघुनाथपुर के नरहन स्थित सरयू नदी के जल स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. इसमें नरहन गांव के तटवर्ती इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब कर बरबाद हो गयी. नदी का जल स्तर बड़ी तेजी से बढ़ा है पर नरहन क्षेत्र अभी खतरे से दूर है. हालांकि स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए कमर कस ली है. वहीं,
सीओ बृजबिहारी कुमार का कहना है कि वो प्रतिदिन क्षेत्र के तटबंधों का निरीक्षण करने जाते हैं. पानी का स्तर बढ़ा है, लेकिन खतरे से दूर है. आपात स्थिति आने पर श्री कुमार ने बताया इसके लिए नौकाएं व प्राथमिक व्यवस्था है. वहीं, आदमपुर में बांध कटे होने की बात पर श्री कुमार ने बताया की इसके लिए गंडक विभाग के जेइ को सूचना दी गयी है, जो एक से दो दिन में आकर उसकी मरम्मत करा देंगे. बताते चलें कि जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों के करीब सैकड़ों एकड़ भूमि जो पानी से डूब गयी है, उसमें धान, अरहर, मक्का, मसूर, बाजरा आदि फसलों को काफी क्षति हुई है व किसानों को भी काफी नुकसान हुआ है.
तीरबलुआ के 40 घरों का टोला पानी से घिरा
तीरबलुआ और तटवर्ती गांव के ग्रामीणों का कहना है कि 1998 की भीषण बाढ़ के बाद पहली बार इतनी तेज बढ़ रही है और बाढ़ बिभाग से अभी तक कोई कर्मी खोज खबर लेने नहीं आया. तीरबलुआ जाने वाली सड़क को दोनों तरफ से पानी ने घेर लिया है और कई जगह सड़क की स्थिति काफी नाजुक है. इसके टूट जाने से गांव के लोग पूरी तरफ पानी के बीच में घिर जायेंगे और यातायात बंद हो जायेगा. अब भी चारपहिया बड़ी मुश्किल से जा पा रहा है. यह मुख्य सड़क खतरे में है. अगर ये सड़क टूटी, तो गांव चारों तरफ से पानी के घेरे में हो जायेगा. अब भी गांव की चारों तरफ पानी ही भर गया है. गांव से निकलने की एकमात्र सड़क जर्जर है और सड़क की दोनों तरफ पानी लग गया है. जिस तेजी से पानी बढ़ रहा है, दो-तीन दिन बाद ये सड़क टूट सकती है.
तीरबलुआ गांव छोटी गंडकी नदी के कटाव पर है. सन 2000 में ईंट का बुलडोजर बना था, जिससे गांव सुरक्षित हो पाया था, मगर इतने लंबे समय के अंतराल में पुनः बुलडोजर नहीं बनाया गया. इससे कटाव का डर बना हुआ है. बलुआ पंचायत के वार्ड नंबर दो तीरबलुआ में लगभग 200 परिवार हैं. वार्ड सदस्य सुदर्शन पासवान ने बताया इसी गांव का करीब 40 घर का टोला चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है और वहां जाने का रास्ता मात्र नाव ही है.
उन्होंने अधिकारियों को दिखाया भी. इधर, गुठनी छोटी गंडकी में तेजी से बढ़ रहे जल स्तर ने सबकी चिंताएं बढ़ा दी हैं. एक जानकारी के अनुसार, विभाग ने गुठनी क्षेत्र में अवस्थित गोगरा तटबंध पर 24 गृहरक्षा वाहिनी के जवानों को माह भर पहले से ही तैनात कर रखा है.