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कर्ण कुमार की मौत के बाद गांव में पसरा मातमी सन्नाटा

पचरुखी : थाना क्षेत्र के घरथवलिया गांव निवासी जदयू दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सह पूर्व प्रखंड प्रमुख नंदलाल राम के इंजीनियर पुत्र की हत्या के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया. इधर, घटना के बाद बराती भी घर लौट आये. पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ था. मृतक के घर से उठ रहे चीत्कार […]

पचरुखी : थाना क्षेत्र के घरथवलिया गांव निवासी जदयू दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सह पूर्व प्रखंड प्रमुख नंदलाल राम के इंजीनियर पुत्र की हत्या के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया. इधर, घटना के बाद बराती भी घर लौट आये. पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ था. मृतक के घर से उठ रहे चीत्कार से पूरा वातावरण शोकाकुल हो गया था. मृतक के दरवाजे पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, जो शोकसंतृप्त परिजनों का ढाढ़स बंधा रहे थे.

मालूम हो कि घरथवलिया गांव निवासी जदयू के दलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सह पूर्व प्रखंड प्रमुख नंदलाल राम का पुत्र कर्ण कुमार सुमन की दोस्ती सुनील साह के भाई मुनील साह से थी. दोनों दोस्तों में काफी बनती थी. जब कर्ण गांव आता, तो पूरा समय मुनील के साथ ही व्यतीत करता था. इन दिनों कर्ण गांव पर ही था. वह सोमवार को सज-धज कर अपने मित्र मुनील की बरात में शामिल होने के लिए गोपालगंज जिले के मोहम्मदपुर थाने के विदुषी गांव में गया हुआ था.
द्वारपूजा के बाद कर्ण कुमार सुमन अपने दोस्तों के साथ बरात में आॅर्केस्ट्रा देख रहा था. इसी दरम्यान फरमाइशी गाने को ले गांव के युवकों से कहासुनी हुई. इस बात से खार खाकर गांव के युवकों ने कर्ण कुमार सुमन की पहले पिटाई की, उसके बाद नाजुक अंग के पास भाला घोंप कर घायल कर दिया. इस घटना में घायल कर्ण की सदर अस्पताल सीवान में इलाज के दरम्यान मौत हो गयी. इसकी खबर जैसी गांव में पहुंची, पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. घटना के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. परिजन के चीत्कार से पूरा वातावरण शोकाकुल हो गया. मौजूद लोग परिजनों का ढाढ़स बंधा रहे थे. इधर, घटना के बाद महम्मपुर थाने के एसआइ नंद किशोर सिंह मृतक के घर पहुंचे. परिजनों से जानकारी लेने के बाद दोषियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर कर्ण लौटा था घर : कर्ण कुमार उर्फ सुमन भोपाल में रह कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था. कोर्स पूरा करने के बाद वह एक पखवारे पहले घर आया था. वह परिजनों से काफी हंसी-खुशी रह रहा था. उसकी मौत के बाद तो परिजन बेसुध हैं. उन्हें अंदेशा नहीं था कि इतनी बड़ी वारदात उनके परिवार के साथ हो जायेगी. वे बार-बार उस घड़ी को कोस रहे थे, जब कर्ण बरात में शामिल जाने के लिए घर से निकला था.
चार भाइयों में था सबसे बड़ा : कर्ण कुमार उर्फ सुमन चार भाई व एक बहन हैं. बहन उससे बड़ी है. वह अपने चार भाइयों में सबसे बड़ा है. उससे छोटे भाइयों में अर्जुन, अरविंद व चंदन हैं. बड़ी बहन ग्यासमुनि कुमारी भाई को याद कर बार-बार रोये जा रही थी. वहीं मां ज्ञांती देवी की स्थिति तो पागलों जैसी हो गयी थी. वे बार-बार अपने बेटे को याद कर रोये जा रही थीं. उसके चीत्कार से उपस्थित लोगों की आंखें नम हो जा रही थीं.
मृत कर्ण के परिजनों का बंधाया ढाढ़स : जदयू नेता सह पूर्व प्रखंड प्रमुख नंदलाल राम के पुत्र कर्ण की मौत की सूचना के बाद जदयू जिलाध्यक्ष इंद्रदेव सिंह पटेल जदयू कार्यकर्ताओं के संग घर पहुंचे. उन्होंने मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाया. उनके साथ जदयू जिला महासचिव लालबाबू प्रसाद, पूर्व जिलाध्यक्ष मुर्तुजा अली कैसर, युवा जिलाध्यक्ष मुन्ना सिंह, विशंभरसिंह, श्रीनिवास यादव, प्रभुनाथ प्रसाद, पचरुखी युवा जदयू के अध्यक्ष महावीर प्रसाद सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे.

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