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देवबंदी की ही रहेगी जामा मसजिद

हंगामा. दिनभर चले हाइवोल्टेज ड्रामे के बाद फैसला, देवबंदी (हनफी) जमात के पक्ष में सीतामढ़ी : शहर के मेहसौल चौक स्थित जामा मसजिद पर कब्जे को लेकर देवबंदी व अहलेहदीश नामक दो गुटों के लोगों की भिड़ंत मामले में डीडीसी ने तत्काल (हनफी) जमात के दावेदारी को स्वीकार करते हुए अहलेहदीश जमात के दावे को […]

हंगामा. दिनभर चले हाइवोल्टेज ड्रामे के बाद फैसला, देवबंदी (हनफी) जमात के पक्ष में

सीतामढ़ी : शहर के मेहसौल चौक स्थित जामा मसजिद पर कब्जे को लेकर देवबंदी व अहलेहदीश नामक दो गुटों के लोगों की भिड़ंत मामले में डीडीसी ने तत्काल (हनफी) जमात के दावेदारी को स्वीकार करते हुए अहलेहदीश जमात के दावे को खारिज कर दिया है, वहीं मसजिद के मौलाना मुमताज आलम कासमी के नमाज पढ़ाते रहने का आदेश दिया है.
डीडीसी के आदेश पर मसजिद में बंद ताले को भी खोल दिया गया है. हालांकि दिन भरे चले इस हाइवोल्टेज ड्रामेबाजी में असामाजिक तत्वों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी है. इधर, डीडीसी के आदेश पर देवबंदी जमात ने प्रसन्न्ता जतायी है. साथ ही मदरसा रहमानिया के सचिव मो अरमान अली समेत अन्य लोगों ने पूरे मामले को शिवहर विधायक मो सरफुद्दीन की साजिश बताया है. कहा है कि शिवहर विधायक के उकसावे में आकर उक्त लोगों ने इलाके की शांति भंग की है.
जबकि शिवहर विधायक मो सरफुद्दीन ने उक्त आरोप को खारिज कर दिया है, वहीं कहा है कि वे शिवहर के एमएलए है, सीतामढ़ी के मामले से लेना देना नहीं है. बताया कि यह उन्हें बदनाम करने की राजनीतिक साजिश है.
तीन घंटे तक रणक्षेत्र में बदला रहा इलाका: शहर के मेहसौल चौक स्थित जामा मसजिद पर दावेदारी को लेकर अहलेहदीश व देवबंदी (हनफी) के बीच हुये विवाद में तत्काल डीडीसी ए रहमान ने देवबंदी जमात के पक्ष में फैसला सुनाया है.
डीडीसी ने दोनों जमात के लोगों के साथ बैठक कर देवबंदी के पूर्व से चले आ रहे दावेदारी को बरकरार रखा है, वहीं कहा है कि मामले की जांच करा एक सप्ताह के भीतर निदान कर दिया जायेगा. हालांकि दावेदारी को लेकर जिस तरह अहलेहदीश जमात के लोगों ने मसजिद में आतंक मचाया, उससे धर्मस्थल के साथ आस्था को भी चोट पहुंची है. हाथों में लाठी-डंडा लेकर मसजिद में घुस अहलेहदीश के लोगों ने नमाजियों को भगा मसजिद के बोर्ड को पोत दिया. जमकर हुल्लड़बाजी की. साथ ही मसजिद में ताला जड़ दिया. दोनों जमात आपस में मारपीट पर उतारु हो गये और बाद में देवबंदी जमात ने सड़क जाम कर विरोध जताया. इस दौरान तीन घंटे तक सड़क जाम रहा. नतीजतन शहर की रफ्तार थमी रहीं.
वहीं अफरातफरी का माहौल रहा. कुछ समय के लिये दुकानें बंद हो गयी. जबकि घटना से अनजान लोग दहशतजदा होकर भागने लगे. आखिरकार पुलिस ने स्थिति संभाली.
प्रशासन ने मसजिद की सुरक्षा बढ़ायी
डीडीसी ए रहमान, एसडीओ सदर संजय कृष्ण, एसडीपीओ सदर डाॅ कुमार वीर धीरेंद्र, डुमरा बीडीओ संजय कुमार सिन्हा, सीओ संतोष कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर मुकेश चंद्र कुंवर, नगर थानाध्यक्ष विशाल आनंद व मेहसौल ओपी प्रभारी औरंगजेब आलम आदि ने देवबंदी (हनफी) जमात के मो ताहीर, मो वसीउर रहमान, मो रिजवी अनवर, मो रजी अहमद खान व डा नफीश अहमद तथा अहलेहदीश जमात के अब्दुल मन्नानवताबी, नयाज अहमद रूमी वताबी व मनीसूर रहमान वताबी आदि के साथ बैठक कर दोनों पक्षों की बात सुनी. साथ ही फैसला देवबंदी के पक्ष में सुनाया. अधिकारियों ने दोनों गुट से मसजिद पर दावेदारी से संबंधित कागजात मांगा है. वहीं मसजिद की सुरक्षा बढ़ा दी है.

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