सीतामढ़ी : नोटबंदी के 28 वें दिन भी शहर के बैंकों में कैश की किल्लत देखने को मिला. गेहूं बोआई का सीजन होने व पेंशन-वेतन का समय होने के कारण बैंकों में निकासी को लेकर ग्राहकों की भीड़ जुटना अभी भी जारी है. एसबीआई बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों द्वारा अपने खाताधारियों को सरकारी नियमानुसार […]
सीतामढ़ी : नोटबंदी के 28 वें दिन भी शहर के बैंकों में कैश की किल्लत देखने को मिला. गेहूं बोआई का सीजन होने व पेंशन-वेतन का समय होने के कारण बैंकों में निकासी को लेकर ग्राहकों की भीड़ जुटना अभी भी जारी है. एसबीआई बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों द्वारा अपने खाताधारियों को सरकारी नियमानुसार भुगतान तो दिया जा रहा है,
लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी व एचडीएफसी समेत कुछ अन्य बैंकों द्वारा खाताधारियों को मंगलवार को भी नियमानुसार भुगतान नहीं दिया गया. बैंक ऑफ बड़ौदा व एचडीएफसी समेत कई बैंकों के एटीएम से मंगलवार को लोगों को रूपये निकासी करने का मौका नहीं मिल सका. हालांकि एसबीआई व आइसीआइसीआई बैंक के कुछ एटीएम से ग्राहकों को रूपये निकासी करते देखा गया. कई एटीएम तकनिकी खराबी के चलते बंद पाया गया तो कई एटीएम में रूपये नहीं डाले गये थे. हालांकि जो भी एटीएम खुले थे, उसमें कोई खास भीड़ देखने को नहीं मिला.
बथनाहा के बैंकों में ग्राहकों को हो रही परेशानी. इधर, जिले के बथनाहा प्रखंड अंतर्गत बैंक ऑफ बड़ौदा, सिंडिकेट बैंक व इलाहाबाद बैंक समेत अन्य बैंकों में परेशानी कम नहीं हुई है. इन बैंकों में सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें लग रही है. कारण, खेती का सीजन होना व बैंकों से नियमानुसार रूपये की निकासी नहीं होना बताया जा रहा है. अब तक किसी भी बैंकों द्वारा सरकारी आदेश के अनुसार रूपये का भुगतान नहीं दिया गया है. उक्त बैंकों द्वारा अपने खाताधारियों को भी 1 या 2 हजार रूपये ही भुगतान दिया जा रहा है, जिसके चलते ग्राहकों को बार-बार बैंक आकर रूपये की निकासी करनी पड़ रही है और बैंक शाखाओं से भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा है.
आग की तरह फैल गयी पेंशन भुगतान की खबर. यहां के बैंकों में भीड़ कम नहीं होने का एक और कारण यह बताया जा रहा है कि विभिन्न पेंशन योजना के तहत इन दिनों बैंकों से कुछ लाभुकों को पेंशन का भुगतान दिया गया है. भुगतान लेने वाले लाभुकों द्वारा गांव में इस बात को प्रचारित किया गया कि उन्हें बैंक से बकाया पेंशन का भुगतान मिल गया है. पेंशन मिलने की बात पंचायतों में जंगल में आग की तरह फैल गयी है, परिणामस्वरूप
गांवों से सैकड़ों पेंशनधारी महिला-पुरूषों ने बैंकों में लाइन लगाना शुरू कर दिया है. जबकि बीडीओ विनय कुमार के अनुसार बैंकों में अभी काफी कम लाभुकों का ही पेंशन स्वीकृत होकर आया हुआ है.