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514 कारोबारी नहीं दे रहे कर

सीतामढ़ी : वाणिज्य कर का भुगतान नहीं करने वालों पर अब शिकंजा कसेगा. विभिन्न क्षेत्रों के कारोबारी टैक्स नहीं दे रहे है. वह भी वर्षों से. हालांकि अब वह दिन दूर नहीं जब कर का भुगतान नहीं करने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई की जायेगी. यानी जुर्माना के साथ बकाये कर की वसूली की जायेगी. कल […]

सीतामढ़ी : वाणिज्य कर का भुगतान नहीं करने वालों पर अब शिकंजा कसेगा. विभिन्न क्षेत्रों के कारोबारी टैक्स नहीं दे रहे है. वह भी वर्षों से. हालांकि अब वह दिन दूर नहीं जब कर का भुगतान नहीं करने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई की जायेगी. यानी जुर्माना के साथ बकाये कर की वसूली की जायेगी. कल तक भले ही वाणिज्य कर विभाग इस इंतजार में था कि कारोबारी खुद टीन नंबर ले लेंगे और कर का भुगतान करेंगे, पर इंतजार की घड़ी खत्म होने के बाद विभाग कर सख्त रवैया अपना रही है.

क्या है कर की दर : एक लाख से तीन लाख से कम की आय पर पेशा कर नहीं देना है. तीन लाख से पांच लाख तक के आय पर एक हजार रुपये, पांच लाख से 10 लाख तक के आय पर दो हजार एवं 10 लाख से अधिक आय पर प्रतिवर्ष 2500 रुपये पेशाकर का भुगतान करना है. किराये पर चलाये जा रहे टैक्सी व कार पर एक हजार एवं बस व ट्रक पर पेशा कर प्रतिवर्ष 1500 रुपये तो केबल ऑपरेटर, सिनेमा हॉल व अन्य के लिए 2500 रुपये वार्षिक पेशा कर निर्धारित है.
नये कारोबारियों को नोटिस
बताया गया है कि जिले में सात हजार कारोबारी निबंधित है. इनमें से बहुत से कारोबारी नियमित रूप से कर का भुगतान नहीं करते है. वाणिज्य कर विभाग द्वारा हाल में नये कारोबारियों का सर्वे कराया गया है. पता चला है कि 528 में से 514 कारोबारी कर देने पात्र है. विभाग द्वारा उक्त कारोबारियों को नोटिस भेजी गयी है. उन्हें कर का भुगतान नियमित रूप से करने को निर्देश दिया गया है. इसके लिए सबसे पहले टीन नंबर लेने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने वालों पर आर्थिक दंड लगाने के साथ ही दंड की राशि व कर एक साथ वसूल किया जायेगा.
इन्हें भी देना है टैक्स
किराये पर चलाये जा रहे वाहन के एवज में कर का भुगतान करना है. केवल ऑपरेटर, सिनेमा हॉल, उत्सव हॉल, होटल, हेल्थ सेंटर, कोचिंग, पेट्रोल पंप व इंट भट्ठा के संचालक को वाणिज्य कर का भुगतान करना है. व्यक्तिगत रूप से अर्जन करने वाले व्यवसायी, चिकित्सक, अधिवक्ता, निजी शिक्षण संस्थान संचालक, व कमीशन एजेंट को भी कर देना है. बताया गया है कि समय पर कर नहीं देने वालों से बकाये राशि पर दो प्रतिशत की दर से आर्थिक दंड के रूप में ब्याज वसूल किया जायेगा. वाणिज्य कर उपायुक्त सुनीता कुमारी ने बताया कि कर का भुगतान नहीं करने वालों के साथ अब सख्ती बरती जायेगी.

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