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बाढ़ से सैकड़ों हेक्टेयर में लगी धान की फसल बरबाद

सीतामढ़ी : बथनाहा प्रखंड के दर्जन भर गांव के किसानों द्वारा लाखों की लागत व कड़ी मेहनत से लगायी गयी धान की फसल को बाढ़ का पानी बरबाद कर दिया है. प्रखंड के मदनपट्टी, कोदरकट, खुशनगरी, सिंगरहिया, हरिहरपुर, दिग्घी, सोनबरसा, लत्तीपुर व सुपैना समेत दर्जन भर गांव के सैकड़ों किसानों को बाढ़ ने प्रभावित किया […]

सीतामढ़ी : बथनाहा प्रखंड के दर्जन भर गांव के किसानों द्वारा लाखों की लागत व कड़ी मेहनत से लगायी गयी धान की फसल को बाढ़ का पानी बरबाद कर दिया है. प्रखंड के मदनपट्टी, कोदरकट, खुशनगरी, सिंगरहिया, हरिहरपुर, दिग्घी, सोनबरसा, लत्तीपुर व सुपैना समेत दर्जन भर गांव के सैकड़ों किसानों को बाढ़ ने प्रभावित किया है.

करीब 20 दिनों से फसल डूबा हुआ है. करीब 10 दिन पूर्व पानी घटना शुरू हुआ तो किसानों चिंता थोड़ी कम हुई, लेकिन किसानों की उम्मीद पर तब पानी फिर गया जब एक बार फिर से नदी में बाढ़ आ गया. कई दिनों से पानी में डूबे होने के कारण धान की फसल अब पूरी तरह बरबाद हो चुका है. मदनपट्टी गांव में गत सप्ताह एक बच्ची की पानी में डूब मौत भी हो चुकी है. करीब 20 दिनों से उक्त गांवों के लोग परेशान है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी गांव के किसानों की खोज-खबर नहीं ली गयी है. यहां तक कि स्थानीय बीडीओ व बीएओ भी इससे अनजान हैं.

सुपैना गांव का बाहरी दुनिया से संपर्क भंग :
प्रखंड के दिग्घी पंचायत की सुपैना गांव को करीब एक माह से बाढ़ ने बंधक बनाया हुआ है. गांव के लोगों का बाहरी दुनिया से संपर्क भंग हो गया है. गांव के लोग करीब एक माह से गांव में घिरे हुए हैं, जिससे गांव का आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नौकरी पेशा वाले लोगों को भी घर में रहना मजबूरी बन गया है. गांव के शिक्षक उदय कुमार पिछले दिनों कई दिनों तक पानी के चलते पंचायत के स्कूल में ही नहीं जा पाये. दैनिक उपयोग की वस्तु की खरीदारी समेत अन्य आवश्यक काम के लिए लोग नाव के सहारे किसी तरह आवागमन करते हैं. ग्रामीण उदय कुमार, राम एकवाल भगत व दिलीप भगत समेत अन्य लोगों ने बताया कि बहुत जरूरी होने पर ही लोग गांव से निकलते हैं वह भी नाव के सहारे. ग्रामीण करीब एक माह से जिल्लत की जिंदगी जीने को मजबूर है. बता दें कि गांव से बाहरी दुनिया को जोड़ने के लिए अंग्रेज के जमाने में बनाये गये पुल दशकों से टूटा पड़ा है. ग्रामीणों को दशकों से इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

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