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ढूंढ़ने से भी नहीं िमल रहे शराब की लतवाले

सुधार. नशामुक्ति केंद्र में अब नहीं रह गया है कोई काम केंद्र से दो चिकित्सकों की कर दी गयी छुट्टी कर्मियों को अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली सीतामढ़ी : शराबबंदी के साथ ही पियक्कड़ों को शराब की लत छुड़ाने के लिए सदर अस्पताल में नशामुक्ति केंद्र खोला गया. शुरू के एक-दो माह तक […]

सुधार. नशामुक्ति केंद्र में अब नहीं रह गया है कोई काम

केंद्र से दो चिकित्सकों की कर दी गयी छुट्टी
कर्मियों को अब तक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली
सीतामढ़ी : शराबबंदी के साथ ही पियक्कड़ों को शराब की लत छुड़ाने के लिए सदर अस्पताल में नशामुक्ति केंद्र खोला गया. शुरू के एक-दो माह तक यह केंद्र पियक्कड़ों से भरा पड़ा था.
जैसे-जैसे दिन बीतता गया, यहां भरती होने वाले शराबियों की संख्या में कमी आती गयी. बाद में ऐसी स्थिति हो गयी कि वहां तैनात दो चिकित्सक बेरोजगार हो गये. यानी केंद्र में उनका कोई काम नहीं रह गया. तब उन्हें उनके मूल स्थान पर भेज दिया गया. इधर, केंद्र में बहाल कर्मियों के वेतन पर लाले पड़ गये हैं.
उन्हें अब तक वेतन के नाम पर एक चव्वनी भी नहीं मिली है.
10 मरीज एसकेएमसीएच किये गये रेफर बताया गया है कि नशा मुक्ति केंद्र से अब तक 10 मरीजों को बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर किया जा चुका है. जुलाई में 30 मरीजों का तो अगस्त में 46 एवं सितंबर में अब तक 9 मरीजों का इलाज किया गया है.
अब नशा मुक्ति केंद्र विरान पड़ गया है. बहाल कर्मी भुगतान नहीं मिलने से परेशान हैं.
किलो जावा महुआ व पांच किलो भांग जब्त करने की कार्रवाई की गयी है. शराब बंदी के बाद पुलिस प्रशासन की कार्रवाई से पियक्कों में दहशत का माहौल है़
सदर अस्पताल िस्थत नशामुिक्त केंद्र.
240 पियक्कड़ों की छुड़ायी गयी शराब
एक अप्रैल 2016 को नशा मुक्ति केंद्र खुला. उस समय से लेकर अब तक शराब की लत से ग्रसित 240 लोगों का इलाज करने के साथ ही नशा की लत छुड़ायी गयी है. अप्रैल व मई में दर्जनों शराबियों को भरती कराया गया था. केंद्र खुलने के पूर्व अनुमान लगाया गया था कि बड़ी संख्या में व काफी समय तक यहां पियक्कड़ आते रहेंगे और उनका इलाज किया जाएगा. इसी को ध्यान में रखकर दो चिकित्सक व नोडल चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की गयी.
जून में ही शराब की लत वालें मरीजों की संख्या कम पड़ गयी. तब चिकित्सक डॉ नवीन उत्पल की प्रतिनियुक्ति रद्द कर उन्हें बथनाहा पीएचसी भेज दिया गया. दूसरे चिकित्सक डॉ बबन कुमार सिंह की प्रतिनियुक्ति हाल में रद्द की गयी है. अब वे बथनाहा में अपनी सेवा दे रहे हैं़ वे रून्नीसैदपुर पीएचसी के चिकित्सक हैं. नोडल पदाधिकारी सह उपाधीक्षक डॉ पीपी लोहिया भी केंद्र में इक्का-दुक्का आने वाले मरीजों की चिकित्सा करते हैं.

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