सीतामढ़ी : जिले के वैसे स्थलों के विकास का रोड मैप बनाया जा रहा है, जहां पर्यटन की संभावनाएं हैं. इस दिशा में प्रशासन के स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. पर्यटन विभाग के पत्र के आलोक में डीएम राजीव रौशन ने सभी सीओ से इको पर्यटन, अध्यात्मिक पर्यटन व ग्रामीण पर्यटन से संबंधित स्थलों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वैसे सभी स्थलों का, जिनका पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास किया जा सकता है, का प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने को कहा गया है ताकि समेकित प्रतिवेदन राज्य सरकार तक भेजा जा सके. माना जा रहा है कि रोड मैप बनने के बाद उस पर काम होने पर जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों को कायाकल्प हो जायेगा.
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पर्यटन स्थल के विकास के िलए बनेगा रोडमैप
सीतामढ़ी : जिले के वैसे स्थलों के विकास का रोड मैप बनाया जा रहा है, जहां पर्यटन की संभावनाएं हैं. इस दिशा में प्रशासन के स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. पर्यटन विभाग के पत्र के आलोक में डीएम राजीव रौशन ने सभी सीओ से इको पर्यटन, अध्यात्मिक पर्यटन व ग्रामीण पर्यटन से […]
इन स्थलों का विकास होगा संभव. पर्यटन के दृष्टिकोण से जिले में सबसे जाना-माना स्थल मां जानकी की जन्मभूमि पुनौरा है. इस स्थल से देश के विभिन्न राज्यों के लोग भी परिचित हैं और मां जानकी की जन्म धरती को देखने के लिए पर्यटक आते भी रहते हैं. रोड मैप के आलोक में काम होने पर हलेश्वर स्थान, बेलसंड का दमामी मठ, पंथपाकड़ धाम, बाजपट्टी के वनगांव स्थित भगवान बोधायन मंदिर, पुपरी के नागेश्वर स्थान समेत अन्य कई धार्मिक स्थलों का कायाकल्प हो जायेगा.
सभी सीओ से की गयी रिपोर्ट तलब, भगवान बोधायन स्थल से बहुत लोग हैं अनभिज्ञ, रोड मैप बनने के बाद धार्मिक स्थलों का होगा विकास
उपेक्षित है बोधायन स्थल
भगवान बोधायन की तपोभूमि आज भी उपेक्षित है. यह स्थल वनगांव में है. बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि उक्त स्थल का सामाजिक, धार्मिक व ऐतिकासिक महत्व कितना है. वर्तमान व नयी पीढ़ी को भगवान बोधायन के बारे में कुछ जानकारी भी नहीं है. यह वही बोधायन हैं, जिन्होंने पायथागोरस प्रमेय का सूत्रपात किया था. इसका प्रमाण प्राचीन इतिहास में मिलता है. भगवान बोधायन द्वारा लिखित विशिष्टता द्वय का सिद्धांत आज भी दर्शनशास्त्र विषय में विश्व में सभी जगह पढ़ाया जाता है. यहां तक कि उनकी लिखित कई पुस्तकें पाकिस्तान के लाहौर के पुस्तकालय में संग्रहित है. बता दें कि वनगांव में बोधायन की मूर्ति की स्थापना व आधारशीला वासुदेवाचार्य जी के सहयोग से महर्षि देवराहा बाबा ने रखी थी.
यह देनी है जानकारी
सीओ को यह बताने को कहा गया है कि पर्यटन को ले संबंधित स्थल की दूरी जिला मुख्यालय से कितनी है. वह किस पंचायत में पड़ता है. उसकी चौहद्दी व भौगोलिक स्थिति क्या है. पर्यटन के दृष्टिकोण से वह स्थल कितना महत्व रखता है. संबंधित स्थल स्थानीय स्तर पर चर्चित है अथवा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक. वहां पर प्रतिदिन मेला जैसा माहौल रहता है अथवा प्रतिमाह व वार्षिक. सीओ से राजस्व प्राप्ति की स्थिति के साथ ही रोड से संबंधित स्थल की दूरी, आधारभूत संरचना, समीप के रेलवे स्टेशन का नाम, सरकारी पेयजल की सुविधा, मनोरंजन के साधन, विद्युतीकरण व पार्किंग के अलावा इसकी जानकारी मांगी गयी है कि सरकार की ओर से पांच वर्ष में किसी योजना का कार्यान्वयन तो नहीं कराया गया है.
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