रीगा के बुलाकीपुर मुखिया ने मुंह खोला
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चापाकल के नाम पर कर ली अवैध निकासी
रीगा के बुलाकीपुर मुखिया ने मुंह खोला मुखिया ने डीएम से की शिकायत पंचायत में चापाकल का अता-पता नहीं आचार संहिता में 13.52 लाख की निकासी सीतामढ़ी/रीगा : जिले के विभिन्न प्रखंडों में पंचायत चुनाव को ले लागू आचार संहिता के दौरान 13 वें एवं 14 वें वित्त आयोग की राशि की अवैध निकासी का […]
मुखिया ने डीएम से की शिकायत
पंचायत में चापाकल का अता-पता नहीं
आचार संहिता में 13.52 लाख की निकासी
सीतामढ़ी/रीगा : जिले के विभिन्न प्रखंडों में पंचायत चुनाव को ले लागू आचार संहिता के दौरान 13 वें एवं 14 वें वित्त आयोग की राशि की अवैध निकासी का मामला जोर पकड़ने लगा है. विभिन्न पंचायतों के लोगों द्वारा दबी जुबान से कहा जा रहा है कि बिना काम कराये उक्त दोनों मद से राशि की निकासी कर ली गयी.
संबंधित मुखिया व पंचायत सचिव द्वारा संयुक्त रूप से यह सब किया गया. खास बात यह कि आचार संहिता लागू रहने के बावजूद राशि की निकासी से कोई परहेज नहीं की गयी. जिले के एक मुखिया को छोड़ अब तक किसी मुखिया द्वारा उक्त मामले को नहीं उठाया गया है.
अगर वर्तमान मुखिया, पूर्व मुखिया व पंचायत सचिव द्वारा उक्त निकासी का खुलासा करें तो जिले में करोड़ों रुपये की अवैध निकासी का मामला उजागर हो सकता है. इस बीच रीगा प्रखंड की बुलाकीपुर के मुखिया वीरेंद्र साह ने मुंह खोला है. इतना हीं नहीं, डीएम से लिखित शिकायत कर जांच कराने, दोषी पर कार्रवाई करने व निकासी की गयी राशि को पंचायत के खाते में वापस कराने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
मुखिया श्री साह ने कथित अवैध निकासी में पूर्व मुखिया पवन कुमार साह, पंचायत सचिव वीरेंद्र प्रसाद यादव व कनीय अभियंता बद्री मंडल को आरोपित किया है. बताया है कि 27 मार्च को आचार संहिता लागू था. दो जून को चुनाव परिणाम की घोषणा हुई थी. पंचायत के खाते से 13 वीं व 14 वीं वित्त आयोग की 13 लाख 51 हजार 989 रुपये की निकासी की गयी है. 18 अप्रैल को पांच बार निकासी की गयी. क्रमश: दो लाख, चार लाख, डेढ़ लाख व दो बार 75-75 हजार तो 13 मई को क्रमश: 1.20 लाख व 75 हजार की निकासी की गयी. 16 मई को क्रमश: चार लाख व दो बार 60-60 हजार. चुनाव परिणाम के बाद 23 जून को 20 हजार निकाल कर पंचायत के खाते में मात्र दो हजार रुपये छोड़ दिया गया.
पंचायत से सचिव नदारद
मुखिया श्री साह ने डीएम को बताया है कि पंचायत सचिव को योजना पंजी, कैश बुक व पासबुक के साथ अपने पास कई बार बुलाया ताकि सच्चाई सामने आ सके. इसकी भनक पा कर सचिव श्री यादव उनके पास नहीं आये और पंचायत से नदारद ही हो गये. उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया है. बताया है कि पूरी राशि की निकासी चापाकल के नाम पर की गयी है, पर कहीं भी चापाकल का अता-पता नहीं है.
गबन में आरोपित हैं जेइ
डीएम को जानकारी दी गयी है कि उक्त कनीय अभियंता श्री मंडल सुप्पी प्रखंड में भी योजनाओं में गड़बड़ी कर सरकारी राशि का गबन कर लिये थे.
इसे ले वहां की बीडीओ द्वारा छह मार्च 16 को उनके खिलाफ मेजरगंज थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इधर, आरोपित पूर्व मुखिया पवन कुमार साह ने बताया कि जो भी निकासी की गयी है, वह नियमानुकूल था. जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा.
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