सीतामढ़ीः राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर परिवहन कार्यालय से जुड़े बिचौलियों के विरुद्ध चलाये गये अभियान में जिले के वेंडर समेत 10 बिलौलिये पर प्राथमिकी हुई. इसमें पांच बिचौलिये को गिरफ्तार किया गया है. सोमवार की दोपहर से डुमरा स्थित परिवहन कार्यालय के आसपास वेंडरों के ठिकाने पर की गयी छापेमारी में पुलिस ने कई आपत्तिजनक कागजात के साथ कंप्यूटर सामग्री जब्त कर छानबीन शुरू कर दी है.
नगर इंस्पेक्टर उमेश चंद्र तिवारी के बयान पर डुमरा थाना में मंगलवार की शाम वेंडर समेत कुल 10 बिचौलियों के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468,471 एवं सूचना व प्रौद्योगिकी(आइटी) की धारा 65 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम(पीसीए) की धारा 7, 8, 9, 13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. एसपी के निर्देश पर सदर डीएसपी संजय कुमार के नेतृत्व में स्पेशल टास्क फोर्स ने इस मामले में गिरफ्तार अमघट्टा निवासी राजेश कुमार, कैलाशपुरी निवासी राजू श्रीवास्तव, रामपुर परोरी निवासी रंजन कुमार, मोहनपुर निवासी सुजीत कुमार एवं रून्नीसैदपुर थाना के मानिक चक निवासी राजीव कुमार को बुधवार न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
डीएसपी मुख्यालय अमरेंद्र कुमार मिश्र को मामले में अनुसंधान की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. खास बात यह है कि बिचौलिये का पूरा चक्र जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ कार्यालय) में घूम रहा था. कार्यालय के बड़ा बाबू रेवती रमण का भी बिचौलियों से प्रत्यक्ष संबंध था. बिचौलिये द्वारा रिश्वत की राशि उनको भी मुहैया करायी जाती थी. वेंडर राजेश कुमार के इस खुलासा के बाद पुलिस हतप्रभ रह गयी. राजेश ने बताया था कि ड्राइविंग लाइसेंस तथा परिवहन संबंधी कागजात तैयार कराने तथा बनाने में प्रत्येक व्यक्ति से 1400 से 1500 रुपये मिलता था, जिसमें मूल रूप से करीब 600 रुपये का चलान आधिकारिक रूप से लगता है. शेष बचे राशि में से 200 से 300 रुपये वेंडर रखते हैं. 400 से 500 रुपये अनुचित रूप से डीटीओ कार्यालय डुमरा के बड़ा बाबू रेवती रमण तथा इनके बिचौलिया राजेश कुमार गुप्ता रिश्वत के रुप में लेते हैं तथा अन्य डीटीओ कार्यालय कर्मी को भी अनुचित रूप से लाभ पहुंचाते हैं. इन वेंडरों द्वारा समय-समय पर मोटी रकम डीटीओ कार्यालय में रेवती रमण एवं डीटीओ कार्यालय के बिचौलिया राजेश कुमार गुप्ता के दी जाती है. पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी में स्पष्ट किया है कि सभी जगहों से बरामद ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित पाया गया. इनमें लैपटॉप, सीपीयू, प्रिंटर आदि में परिवहन कार्यालय से जुड़ा हुआ सामग्री लोड पाया गया.
इनके विरुद्ध दर्ज की गयी प्राथमिकी
राजेश कुमार, राजू श्रीवास्तव, रंजन कुमार, सुजीत कुमार, राजीव कुमार, विकास कुमार, बबलू कुमार उर्फ रवि कुमार उर्फ बबलू श्रीवास्तव, मुकेश कुमार, डीटीओ कार्यालय में बड़ा बाबू रेवती रमण एवं राजेश कुमार गुप्ता.
क्या है आरोप
सभी पर अवैध रूप से डीटीओ कार्यालय से संबंधित कागजात यथा लाइसेंस रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागजात एवं गाड़ी संबंधित अन्य कागजात को आम व्यक्ति को धोखा देकर अनुचित लाभ लेने एवं डीटीओ कार्यालय कर्मियों को अनुचित लाभ देने, गाड़ी से संबंधित अवैध कागजात बनाने एवं बना कर देने. इलेक्ट्रॉनिक मशीन का अवैध कागजात एवं सामग्री में उपयोग कराना शामिल है.