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यहां मन्नत पूरी होने पर भक्त बनवाते हैं प्रतिमा

यहां मन्नत पूरी होने पर भक्त बनवाते हैं प्रतिमा फोटो नंबर- 1 मां की आराधना करते भक्त गण कैलाशपुरी दुर्गा पूजा समिति की ओर से 25 वर्ष से होती है पूजा सीतामढ़ी. नगर पंचायत,डुमरा के वार्ड नंबर-11 में कैलाशपुरी दुर्गा पूजा समिति द्वारा विगत 25 वर्षों शारदीय नवरात्रा के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा बना […]

यहां मन्नत पूरी होने पर भक्त बनवाते हैं प्रतिमा फोटो नंबर- 1 मां की आराधना करते भक्त गण कैलाशपुरी दुर्गा पूजा समिति की ओर से 25 वर्ष से होती है पूजा सीतामढ़ी. नगर पंचायत,डुमरा के वार्ड नंबर-11 में कैलाशपुरी दुर्गा पूजा समिति द्वारा विगत 25 वर्षों शारदीय नवरात्रा के दौरान मां दुर्गा की प्रतिमा बना कर पूरे श्रद्धा भाव से मां की पूजा-अर्चना की जाती है. यहां के पूजा समिति की कुछ खासियत यह है कि करीब एक दशक से मुहल्ला में घुम कर चंदा संग्रह नहीं किया जाता है. बताया गया कि पूर्व अध्यक्ष स्व हरिकिशोर सिंह के निर्णय के बाद घुम कर चंदा इकट्ठा करना बंद कर दिया गया. निर्णय हुआ था कि जो श्रद्धालु पूजा स्थल पर आ कर अपने श्रद्धा व स्वेच्छा से जो राशि चंदा के रूप में देंगे उसी से मां की पूजा की जायेगी. हालांकि बढ़ती हुई महंगाई के चलते अब पूजा करने में परेशानी होती है, पर सीमित खर्च के बाद राशि कम पड़ने पर सदस्यगण अपनी ओर से खर्च का वहन करते हैं. हालांकि अध्यक्ष पांडेय अंजनी कुमार ने बताया कि मिला जुला कर काम चल ही जाता है.मोहल्लेवासियों का सहयोग मिलता रहता है. मन्नत पूरी होने पर मुहल्ला के किसी न किसी श्रद्धालु द्वारा प्रतिवर्ष मां की प्रतिमा बनवाया जाता है. रजत जयंती की तैयारी सचिव निरंजन सिंह चौहान ने बताया कि पूजा का यह 25 वां साल है. इससे सदस्यों में विशेष उत्साह है. समिति की ओर से निर्णय लिया गया है कि पूजा के दौरान या अंत में रजत जयंती मनाया जायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार उर्फ गोपाल जी ने बताया कि अभी काफी कम मात्रा में सहयोग राशि पहुंच पाया है. उम्मीद है कि अब लोग जरूर मुखातिब होंगे और पूजा-अर्चना में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी. एक रुपये लेते हैं दक्षिणा अध्यक्ष श्री कुमार ने बताया कि यहां करीब एक दशक से स्थानीय शंकर मंदिर के महंत आचार्य शिव शंकर झा द्वारा विधि पूर्वक नि:शुल्क भाव से पूजा-अर्चना कराया जाता है जो बड़ी बात है. जैसा कि मान्यता है कि बिना दक्षिणा का यज्ञ सफल नहीं होता, इस लिहाज से आचार्य जी मात्र एक रुपया दक्षिणा लेते हैं. इस संबंध में आचार्य श्री झा ने बताया कि वे विश्व व समाज कल्याण की भावना से ऐसा करते हैं. मौके पर सुमन कुमार, विशाल कुमार रंजीत कुमार व मुन्नू कुमार समेत अन्य सदस्य गण मौजूद थे. दो लाख का बजट कोषाध्यक्ष श्री कुमार ने बताया कि गत वर्ष मां की पूजा के दौरान करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुआ था. इस वर्ष की महंगाई को देखते हुए उम्मीद है कि दो लाख रुपये तक खर्च होंगे.

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