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गोली कांड : फैसला समाज के लिए चिंता का विषय
सीतामढ़ी : समाहरणालय गोली कांड में 15 आरोपितों को सजा सुनाये जाने के बाद स्थानीय परिसदन में सर्वदलीय बैठक हुई. मौके पर विभिन्न दलों के नेताओं ने फैसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की. बैठक की अध्यक्षता राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे ने की. डॉ पूर्वे ने कहा कि कोर्ट का एक पक्षीय […]
सीतामढ़ी : समाहरणालय गोली कांड में 15 आरोपितों को सजा सुनाये जाने के बाद स्थानीय परिसदन में सर्वदलीय बैठक हुई. मौके पर विभिन्न दलों के नेताओं ने फैसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की. बैठक की अध्यक्षता राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे ने की. डॉ पूर्वे ने कहा कि कोर्ट का एक पक्षीय फैसला आया है.
इस देश में काला कानून के कारण सामूहिक नरसंहार के आरोपितों को बरी कर दिया जाता है और सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन करने वालों को जेल भेज दिया जाता है. यह पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है. आखिर कैसे कोई जनता के लिए आंदोलन करेगा.
फैसले से पूरा जिला मर्माहत
कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल शुक्ला ने कहा कि फैसले से पूरा जिला मर्माहत है. सभी दलों को इस तरह की एकजूटता पहले दिखानी चाहिए थी. श्री शुक्ला ने सीएम व सभी दलों के अध्यक्षों से मिल कर फैसले से अवगत कराने व गोली चलाने का आदेश देने वाले व गोली चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने की सलाह दी. उनकी बातों का सबों ने समर्थन किया.
फैसले से हर कोई आहत
सांसद रामकुमार शर्मा ने कहा कि फैसले से हर कोई आहत है. नीतीश कुमार सामाजिक कार्यकर्ता व समाज के प्रति संवेदनहीन हैं. इस फैसले से समाज व लोकतंत्र को ठेस पहुंचा है.
लोकतंत्र की नींव कमजोर
विधान पार्षद बैद्यनाथ प्रसाद ने कहा कि उक्त फैसले व सरकार की संवेदनहीनता के कारण लोकतंत्र की नींव कमजोर हुई है. एक पक्षीय कार्रवाई इसका उदाहरण है. सामाजिक न्याय के लिए आंदोलन करने वाले उनके 15 साथियों को जेल भेज दिया गया, जिससे समाज में उदासी है.
आंदोलन करने वालों को फंसाया
विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि फायरिंग कराने वाले व करने वाले बाहर घुम रहे हैं. नीतीश कुमार जवाब दें कि आखिर इन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति आज तक क्यों नहीं दी गयी. काह, सजा पाने वालों में से कई लोग घटना के दौरान वहां पर मौजूद नहीं थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिस्टल से भी फायरिंग की बात सामने आयी है. प्रशासन ने आंदोलन करने वालों को फंसा दिया.
सीतामढ़ी बंद की सलाह
भाकपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राय ने फैसले के खिलाफ सीतामढ़ी बंद कराने की सलाह दी. सीपीएम के प्रदेश सचिव ने कहा कि जेल में उनको होना चाहिए जो आंदोलनकारियों पर फायरिंग कराये थे. राज्य सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर सकी. राजद जिलाध्यक्ष मो शफीक खां ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी को चेताने की जरूरत है. हमारे हीं लोग मारे गये और हमारे हीं लोग जेल गये.
सीएम ने किया दु:ख व्यक्त
जदयू नेता राणा रणधीर सिंह चौहान ने कहा कि लोकतंत्र के लिए आंदोलन करने वालों को जेल भेज दिया गया. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने भी दु:ख व्यक्त किया है. पूर्व विधायक जयनंदन यादव ने कहा कि गोलियां चलाने वालों पर भी कार्रवाई हो. विधायक मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि धारा 353 को यूपीए सरकार द्वारा गैर जमानतीय कर दिया गया, तबसे यह प्रशासन के लिए हथियार बन गया. विधायक दिनकर राम ने कहा कि प्रशासन ने उनके केस को दबा दिया.
हर संघर्ष में देंगे साथ
नगर विधायक सुनील कुमार पिंटू ने कहा, सरकार चाह ले तो क्या नहीं हो सकता? कहा, जो जेल गये हैं, वे भी सदन के सदस्य रह चुके हैं और आज भी है. इस फैसले के खिलाफ भाजपा सर्वदलीय कमेटी के साथ है. मंत्री डॉ रंजू गीता ने कहा कि कानूनी अड़चन के कारण अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली. नीतीश कुमार अपनी ओर से भरपूर प्रयास किये. वह सर्वदलीय आंदोलन के साथ हैं.
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